मेडिकल रिसर्च के अनुसार वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा विकसित की है जो चूहों की जीवन अवधि 25% तक बढ़ा देती है. 

वैज्ञानिकों  ने दावा किया है कि इस दवा से मनुष्यों पर भी इसी प्रकार के प्रभाव की संभावना बढ़ सकती है.

वहीं कम उम्र के और स्वस्थ दिखने के कारण इन चूहों को 'सुपरमॉडल ग्रैनीज़' नाम दिया गया.

वैज्ञानिकों का मानना है कि IL-11 (इंटरल्यूकिन-11) नामक प्रोटीन को रोकने से उनका जीवनकाल बढ़ गया है. 

नेचर में जारी अध्ययन के अनुसार , एंटी-आईएल-11 एंटीबॉडी से चूहों का औसत जीवनकाल नरों में 22.4% और मादाओं में 25% बढ़ गया.

मनुष्यों में, प्रोटीन IL-11 का स्तर उम्र के साथ बढ़ता है और यह उम्र बढ़ने से संबंधित स्थितियों जैसे कि सूजन, डिसऑर्डर, मसल की क्षति और कमजोरी से जुड़ा हुआ पाया गया है.

रिसर्च के अनुसार ऐसे चूहे बनाए जिनमें जीन-उत्पादक IL-11 को हटा दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी औसत जीवन अवधि 20% से अधिक बढ़ गई.

इसके अतिरिक्त, 75 सप्ताह के चूहों, जो 55 वर्ष के मानव के बराबर होते हैं, को एंटी-आईएल-11 एंटीबॉडी इंजेक्शन दिया गया, जिससे उनके शरीर में आईएल-11 का प्रभाव रुक गया. 

यह दवा, IL-11 को लक्षित करने वाली एक निर्मित एंटीबॉडी है, जिसका परीक्षण वर्तमान में फेफड़े के फाइब्रोसिस के रोगियों पर किया जा रहा है.