क्या है UN की 'List of shame', कौन-कौन से अपराध हैं शामिल, जानिए
इसराइल, हमास और फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद के हथियारबंद संगठनों को संयुक्त राष्ट्र ने 'लिस्ट ऑफ़ शेम' में एक साथ शामिल किया गया है.
UN की लिस्ट ऑप शेम में उन ग्रुपों को जोड़ा गया है जिन्होंने संघर्ष के दौरान बच्चों पर विपरीत असर डालने वाले गंभीर उल्लंघन किए. आइये जानें इसके बारे में.
साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1397 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव से संघर्ष में शामिल उन पार्टियों को चिह्नित करने और सूचीबद्ध करने के लिए कहा जो बच्चों को भर्ती करते हैं और उनका इस्तेमाल करते हैं.
वहीं, साल 1996 में बच्चों और हथियारबंद संघर्ष के लिए स्पेशल रिप्रेजेंटेशन का बंदोबस्त किया गया.
इसमें लड़ाई के दौरान बच्चों पर असर जांचने के लिए 6 अपराधों को गंभीरतम की श्रेणी में रखा गया. कोई भी गुट या देश, इनमें से 5 अपराध करे या इसका आरोप लगे, तो वो अपने-आप ही लिस्ट ऑफ शेम का हिस्सा बन जाता है.
कौन से है 6 अपराध
आतंकी मंसूबों के लिए बच्चों को शील्ड बनाना या उनकी भर्तियां करना ताकि जासूसी करवाई जा सके.
बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा युद्ध में काफी देखी जाती रही. ये भी गंभीरतम अपराध है.
स्कूलों और अस्पतालों पर हमला भी इस श्रेणी में आता है.
बच्चों की हत्या करना या सशस्त्र संघर्ष के चलते उनका अपंग हो जाना.
बच्चों को मानवीय सहायता से दूर कर देना.
पहली बार इस सूची में इजरायल और हमास को शामिल किया गया है.
इससे पहले रूस, इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा, बोको हराम, अफगानिस्तान, इराक, म्यांमार, सोमालिया, सीरिया और यमन को इस सूची में शामिल किया जा चुका है.