जब आडवाणी ने एक ही झटके में पलट दी थी BJP की किस्मत 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर यह जानकारी दी है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा.

इसके बाद लालकृष्ण आडवाणी को बधाई देने वालों का तांता लग गया. सोशल मीडिया पर उनको देशभर से बधाइयां मिलने लगीं.

तो आइये बताते हैं कि लालकृष्ण आडवानी ने कैसे बीजेपी को संजीवनी देकर उसे फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया.

साल 1990 की 25 सितंबर को आडवाणी की अगुवाई में गुजरात स्थित सोमनाथ से यूपी स्थित अयोध्या के लिए एक यात्रा निकली थी, इसे नाम दिया गया - राम राथ यात्रा.

रथ यात्रा शुरू करने के बाद आडवाणी ने एक संबोधन दिया और इसी में उन्होंने कहा था- सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे. इस रथ यात्रा में आडवाणी के तब नरेंद्र मोदी भी साथ थे.

इस रथ यात्रा के दौरान आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया और दुमका (अब झारखंड) में नजरबंद किया गया था. रथ यात्रा का समापन 30 अक्टूबर 1992 को अयोध्या होना था.

राम रथ यात्रा का असर ये हुआ कि एक ओर जहां देश में मंडल की राजनीति हो रही थी वहीं यूपी में पूरी पॉलिटिक्स मंडल बनाम कमंडल हो गई. इसके बाद मानों यूपी की राजनीति ही पलट गई.

भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार साल 1991 में भूतपूर्व सीएम कल्याण सिंह की अगुवाई में यूपी में सरकार बनाई. हालांकि 6 दिसंबर 1992 को सरकार गिर गई.

इसके बाद फिर साल 1997 में कल्याण सिंह, 1999 में राम प्रकाश गुप्ता, सन्, 2000 में राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री बने. फिर साल आया साल 2017 का वह वक्त जब BJP ने प्रचंड बहुमत के सत्ता हासिल की और योगी आदित्यनाथ सीएम बने.