जब पाकिस्तान का झंडा बनाने के लिए एक हिंदुस्तानी ने दी थी अपनी पगड़ी
हिंदुस्तान-पाकिस्तान से जुड़ी कहानी हर कोई सुनना या पढ़ना चाहता है. दोनों देशों के बंटवारे का इतिहास काफी हैवानियत भरा रहा है.
लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसी भी कहानी थे जो सौहार्द की बात करते थे. एक ऐसी ही कहानी फ्रांस से जुड़ी हुई है.
भारत-पाकिस्तान के बीच बंटवारे के बाद फ्रांस में एक भारतीय ने अपनी पगड़ी उतार कर दे दी थी, ताकि उससे पाकिस्तान का झंडा सिला जा सके.
तो आइए कहानी पर आते हैं. बात 1947 की है. भारत से 165 युवाओं की टीम छठे वर्ल्ड स्काउट जंबोरी में शामिल होने के लिए फ्रांस पहुंची थी.
भारत से सभी पानी के जहाज के माध्यम से वहां गये थे. जहां 24 देशों से करीब 40 हजार स्काउट्स आए हुए थे.
9 अगस्त से कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी लेकिन 6 दिन बाद टीम तक ये खबर पहुंची की देश आजाद हो गया है लेकिन इसी के साथ ये खबर भी मिली की भारत का बंटवारा हो गया और पाकिस्तान के रूप में एक नया मुल्क बना है.
खबर मिलने के बाद सभी युवा दो अलग-अलग देशों के नागरिक बन चुके थे. लेकिन वहां पर सभी ने साथ मिलकर खुशियां मनाई और एक दूसरे को आजादी की बधाई दी.
कार्यक्रम में शामिल लोगों को आजादी का जश्न मनाने के लिए लंदन स्थित उच्च आयोग से एक बक्सा आया था. जिसमें मिठाई और तिरंगा झंडा था, जो इवेंट में फहराने के लिए भेजा गया था.
लेकिन जो स्काउट्स पाकिस्तान के नागरिक बन चुके थे, उनके पास कोई अपना झंडा नहीं था. क्योंकि 11 अगस्त को पाकिस्तान का झंडा फाइनल किया गया था. इसी कारण झंडा वहां तक नहीं पहुंच पाया था.
स्काउट टीम में शामिल लोगों ने पाकिस्तान का झंडा एक अखबार में देखा था, ऐसे में मुल्तान के खुर्शीद अब्बास गरदेजी, इकबाल कुरेशी और शिमला के मदन मोहन को पाकिस्तान का झंडा बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई.
झंडे के लिए हरे और उजले कपड़े की जरूरत थी. ऐसे में गरदेजी ने अपनी सफेद कमीज दी और मदन मोहन ने अपनी हरी पगड़ी का कपड़ा दिया था. इसके बाद फ्रांस की दो लड़कियों ने झंडे की सिलाई की थी. इस तरह से झंडा तैयार हुआ था.