जब पायलट की बहादुरी से बची 370 यात्रियों की जान, लगातार 15 घंटे उड़ाना पड़ा विमान

एयर इंडिया की फ्लाइट- बोइंग 777 AI-101 में सवार क्रू समेत 370 लोगों को यह तारीख हमेशा याद रहेगी. नई दिल्ली से न्यूयॉर्क जा रही इस फ्लाइट के पायलटों ने सैकड़ों लोगों को लगभग मौत के मुंह से निकाला. 

इस विमान के पायलट और सह पायलट ने आपातकालीन स्थिति में आश्चर्यजनक तरीके से विमान को लैंड कराया जिनके लिए उनकी काफी प्रशंसा हो रही है.

यह घटना 11 सितंबर 2008 की है जब इंडिया की AI-101 फ्लाइट नई दिल्ली के इंधिरा गांधी एयरपोर्ट से न्यूयॉर्क के जॉन एफ कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी. 

इसके रास्ते में पाकिस्तान, रशिया, फिनलैंड, ग्रीनलैंड और कनाडा जैसे देश आने वाले थे. जो कि दिल्ली से कुल मिलाकर 15 घंटों में 12000 किलोमीटर का लंबा सफर तय करने वाली थी. 

इस फ्लाइट में टूरिस्ट से लेकर स्टूडेंट्स तक 370 पैसेंजर्स सवार थे. अब वैसे तो एक फ्लाइट उड़ाने के लिए 2 पायलट्स की जरूरत होती है लेकिन लंबे सफर की वजह से दो सपोर्टिंग पायलेट्स को भी साथ लिया गया था.

जहाज की कमान 49 वर्षीय कमांडर रुस्तम पालिया के हाथ में थी. जिन्हें 3,500 फ्लाइंग आवर्स का एक्सपीरियंस था. कोकपेट में उनके साथ कैप्टन विकास, कैप्टन सुशांत सिंह और कैप्टन टएस भट्टी भी मौजूद थे. 

अब सभी पैसेंजर फ्लाइट में ऑन बॉर्ड हो चुके थे और करीब 1 घंटा लेट होने के बाद ये फ्लाइट रात के करीब 3 बजे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेक ऑफ कर लेती है.

जिसके 40 मिनट बाद प्लेन एयर स्पेस में 30,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंच जाता है तब पहली मुसीबत कोकपिट के दरवाजे पर दस्तक देती है. 

पायलट रुस्तम पालिया ने बताया कि उन्हें इस उड़ान के दौरान कई बड़ी चुनौतियों और मुसीबतों का सामना करना पड़ा. उनका कहना है कि उनके लिए वो 15 घंटे किसी भयानक सपने से कम नहीं थे.

इस यात्रा के दौरान कई समस्याएं एक साथ आती गई. पहले कई सिस्टमों में एक साथ फॉल्ट, फिर खराब मौसम और ईंधन की कमी जैसी समस्याओं का सामना करते हुए भी पायलट ने घुटने नहीं टेके. 

उन्होंने विमान को न्यूयॉर्क के एक वैकल्पिक हवाई अड्डे पर कुशलतापूर्वक लैंड कराकर 370 लोगों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया.