गर्मियों में काला या लाल किस मटके का पानी होता ठंडा? जानें एक्सपर्ट की राय

गर्मियों का मौसम आ गया है जिसकी वजह से कई शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री तक जा चुका है. इसी के साथ अब ठंडे पानी के लिए बाजारों में देसी मटकों की डिमांड भी बढ़ गई है.

माना जाता है कि मिट्टी से बने यह मटके न सिर्फ पानी को ठंडा रखते हैं बल्कि सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. 

हालांकि आजकल बाजार में दो तरह के मटके आने लगे हैं. एक काले और एक लाल तो चलिए जानते हैं दोनों में से कौन सा ज्यादा बेहतर है. 

अब भले ही मार्केट में पानी ठंडा करने के लिए वॉटर कूलर जैसे उपकरण आ गए हैं फिर भी लोग देसी मटको की डिमांड ज्यादा करते हैं. 

लोग मिट्टी से बने घड़ों को भी प्राथमिकता देते हैं. क्योंकि यह मटके पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा करता है. इसका पानी पीने से शरीर में कोई मौसमी बीमारी नहीं होती है. 

इनमें भी ज्यादातर लोग काले रंग के मटके को खरीदना पसंद करते हैं. क्योंकि यह मटके हाथों से बनाए जाते हैं और लाल रंग के मटकों की तुलना में पानी को ज्यादा ठंडा रखते हैं.

एक्सपर्ट बताते हैं कि काले रंग के मटके नर्मदा एंव पीली मिट्टी से लकड़ी के चाक पर हाथों से बनाए जाते हैं. फिर उन्हें आग में तपाया जाता है जिससे इनमें पानी ज्यादा ठंडा रहता है.

जबकि लाल रंग के मटके मशीनों से बनाए जाते हैं. इसके यह काले रंग के मटकों की तुलना में पानी को कम ठंडा करते हैं. 

हालांकि आजकल लाल रंग के भी कुछ मटके झरपने लगे हैं जिससे इनमें भी पानी ठंडा रहता है पर काले की बराबरी नहीं कर पाते. यह मटके सिर्फ अपनी आकर्षक डिजाइन, आकार और सुंदरता की वजह से ज्यादा बिकते हैं. 

वहीं, एक्सपर्ट ने बताया कि, गर्मी के दिनों में मिट्टी से बने देसी मटकों का पानी सेहत के बेहद फायदेमंद होता है. इनमें पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है जिससे किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती.