भारत के किस राज्य से निकलते हैं सबसे ज्यादा IAS, कहा जाता है UPSC का गढ़
UPSC हर साल सिविल सेवा परीक्षा (Civil Service Exam) का आयोजन करता है, जो लगभग एक साल तक चलती है.इस प्रक्रिया में पहले प्री परीक्षा, फिर मेन्स और अंत में इंटरव्यू होता है.
सीएसई मेन्स और इंटरव्यू के आधार पर ही उम्मीदवारों को सफल घोषित किया जाता है. यह परीक्षा न केवल देश की, बल्कि विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है.
इसके बावजूद, हर साल लाखों युवा यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेते हैं, क्योंकि उनका सपना IAS (आईएएस) और IPS (आईपीएस) बनकर देश की सेवा करना होता है.
यूपीएससी द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली वैकेंसी अक्सर हजारों में होती है, जिससे लाखों में से कुछ ही भाग्यशाली उम्मीदवार IAS और IPS बनने का सपना पूरा कर पाते हैं.
आमतौर पर यह धारणा है कि बिहार के लोग सबसे अधिक सिविल सेवा परीक्षा पास करते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि देश को सबसे अधिक IAS देने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश का नाम सबसे ऊपर है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2024 तक उत्तर प्रदेश ने कुल 652 IAS अधिकारियों का निर्माण किया है, जिनमें से 548 सक्रिय हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी के कई शहरों जैसे प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ में प्रतिष्ठित कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं, जो यूपीएससी की तैयारी के लिए जाने जाते हैं.
यूपी में इस प्रशासनिक सेवा के प्रति लोगों का आकर्षण इस हद तक है कि वे अपने बच्चों को जज या कलेक्टर बनने का आशीर्वाद देते हैं.
बिहार भी IAS और IPS देने वाले राज्यों में दूसरा स्थान रखता है. यहां की राजधानी पटना को यूपीएससी कोचिंग का केंद्र माना जाता है.
तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश और चौथे स्थान पर महाराष्ट्र है. इसके अलावा, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तर-पूर्व के राज्य भी इस सूची में शामिल हैं.