बटर चिकन के 'आविष्कार' पर भिड़े दिल्ली के दो मशहूर रेस्टोरेंट, बीच में कूद पड़ा पाकिस्तान

क्या आप भी बटर चिकन खाते हैं? नॉन-वेज की ये डिश लोगों के पसंदीदा व्यंजनों में से एक रही है

बटर चिकन सबसे पहले कहां और कैसे बनना शुरू हुआ.. इतिहास में इसे लेकर बहस होती रही है

बटर चिकन के 'आविष्कार' को लेकर इन​ दिनों दिल्ली के दो रेस्टोरेंट्स चेन दावे कर रहे हैं, और दिलचस्प यह है कि इस लड़ाई में पाकिस्तान भी कूद पड़ा है

बटर चिकन का इन्वेंटर कौन हैं... इस मामले को लेकर दिल्ली के मोती महल और दरियागंज रेस्टोरेंट्स में बहस छिड़ी हुई है 

मोती महल ने दावा किया है कि बटर चिकन की खोज उसके रेस्टोरेंट में हुई थी. इस रेस्टोरेंट के संस्थापक कुंदनलाल गुजराल थे

मोती महल रेस्टोरेंट चेन के ऑनर कहते हैं कि हमारे संस्थापक कुंदनलाल गुजराल ने 1920 में बटर चिकन सबसे पहले बनवाया था

जब कुंदनलाल गुजराल ने बटर चिकन रेसिपी ईजाद की थी तो, उस समय वो पेशावर (अब पाकिस्तान) में रहते थे.

वहीं, दिल्ली स्थित दरियागंज रेस्टोरेंट्स चेन ने तर्क दिया है कि बटर चिकन की खोज उसके संस्थापक कुंदनलाल जग्गी ने की थी

दरियागंज रेस्टोरेंट्स ने दलील दी है कि कुंदनलाल गुजराल और कुंदनलाल जग्गी दोनों दोस्त थे और पार्टनर भी थे. 

दरियागंज रेस्टोरेंट्स के ऑनर कहते हैं कि कुंदनलाल गुजराल तब बटर चिकन की मार्केटिंग का काम देखते थे. लेकिन वो रेसिपी जग्गी ने तैयार की थी. 

दिल्ली के दोनों रेस्टोरेंट्स से इतर, पाकिस्तान के लोग भी ये दावा कर रहे हैं कि बटर चिकन सबसे पहले वहां था.

पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो न्यूज की वेबसाइट ने लिखा— इस रेसिपी का आविष्कार पेशावर में हुआ.