मगर क्या आप जानते हैं कि कैप्टन देवी शरण सिंह वास्तव में कौन थे? जिन्होंने अपनी चालाकी और बहादुरी से सवार यात्रियों को सही-सलामत अपने घर पहुंचाया था.
उड़ान भरने के कुछ ही देर में प्लेन को पांच नकाबपोश आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था. ये आतंकवादी प्लेन को अमृतसर, लाहौर, दुबई होते हुए कंधार ले गए थे.
हाईजैकर्स ने एक हफ्ते तक विमान को अपने कब्जे में कर रखा था. पहले विमान लाहौर में गया, फिर दुबई और फिर अफगानिस्तान का कंधार. करीब एक हफ्ते तक विमान हाईजैक था.
देवी शरण वही शख्स थे, जो इतने मुश्किल वक्त में हार नहीं मानी और खुद पर संयम रखा और अपनी सूझ-बूझ से सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी.
अपने कमाल की प्रेजेंस ऑफ माइंड का इस्तेमाल करते हुए कैप्टन शरण ने प्लेन को सही-सलामत उतारने की इजाजत लेने के लिए एटीसी पर दबाव बनाते हुए नाटक किया फिर इस विमान की क्रैश लैंडिंग होने वाली है.
उनके इस फैसले ने बड़ी दुर्घटना को टाल दिया था. कैप्टन देवी शरण को इतने दबाव में उनकी बहादुरी और धैर्य के लिए भारत लौटने पर एक हीरो के रूप में सम्मानित किया गया.