अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस पर संयुक्त राष्ट्र भारतीय सेना की मेजर राधिका सेन को  'UN मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर' अवॉर्ड से  सम्मानित किया गया है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने यह घोषणा की है. गुटेरेस ने बधाई देते हुए राधिका सेन को एक रोल मॉडल बताया.

ये सम्मान संयुक्त राष्ट्र के पीस मिशन में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वालों को दिया जाता है.

मेजर राधिका सेन ने 20 महिला सैनिकों और 10 पुरुष सैनिकों की टीम को लीड किया था. इस अवॉर्ड को मेजर राधिका सेन ने अपनी टीम खासकर मेजर सौम्या सिंह को डेडिकेट किया.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, राधिका सेन ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ काम किया यहां उन्होंने उत्तरी किवु में एक अलर्ट नेटवर्क बनाने में मदद की.

उन्होंने समर्पण की भावना के साथ महिलाओं और लड़कियों सहित संघर्ष-प्रभावित समुदायों का विश्वास जीता. सेन के सैनिकों ने उत्तरी किवु में बढ़ते संघर्ष के माहौल में उनके साथ काम किया.

मेजर राधिका सेन मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक MONUSCO (कॉन्गो) में तैनात थीं. यहां वह इंडियन रैपिडली डिप्लॉयमेंट बटालियन की टीम कमांडर थीं.

मेजर राधिका सेन हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के एक छोटे से शहर सुंदर नगर की रहने वाली हैं.  उनके माता-पिता दोनों रिटायर्ड सरकारी टीचर हैं. उनकी छोटी बहन एनेस्थीसिया में एमडी कर रही हैं. 

राधिका सेन ने सुंदर नगर से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद हायर एजुकेशन की पढ़ाई के लिए मेजर सेन चंडीगढ़ चली गई थीं.  

उनके पास बायोटेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की डिग्री है. भारतीय सेना में शामिल होने से पहले वो आईआईटी मुंबई से एमटेक कर रही थीं.