25 जून की तारीख भारतीय लोकतंत्र में 'ब्लैक डे' के नाम से जानी जाती है. क्योंकि इस दिन साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में 'आपातकाल' का ऐलान किया था.
5 जून 1975 में लगी इमरजेंसी 21 मार्च 1977 यानी कि पूरे 21 महीने तक चली थी. देश उस वक्त आक्रोश, विद्रोह, दहशत और तानाशाही के दौर से गुजरा था.
इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी ने भी अपने 'नसबंदी प्रोग्राम' से लोगों में दहशत पैदा कर दी थी.
उस वक्त एक महिला ऐसी थी, जिसका नाम सुनते ही सड़क पर कर्फ्यू जैसा माहौल पैदा हो जाता था, उस महिला का नाम था 'रूखसाना सुल्ताना', जो खूबसूरती में तो अभिनेत्रियों को भी मात देती थी.
संजय गांधी ने रुखसाना सुल्ताना को दिल्ली के मुस्लिम इलाके जामा मस्जिद के लोगों की नसबंदी कराने की जिम्मेदारी दी थी. उस वक्त उन पर लोगों की जबरदस्ती नसबंदी कराने का आरोप लगा था.
किताब में किदवई ने लिखा है कि 'रुखसाना सुल्ताना ने जामा मस्जिद इलाके में 1 साल में करीब 13000 लोगों की नसंबदी कराई थी, जिसके लिए सरकार से उन्हें 84 हजार रुपए भी मिले थे.