रावण, कुंभकर्ण, बाली...त्रेता युग के 10 सबसे ताकतवर योद्धा कौन थे? जानिए

भारतीय पौराणिक इतिहास में एक से एक ताकतवर योद्धाओं का उल्लेख मिलता है, जिनकी कहानी-किस्से समाज में सुने-सुनाए जाते हैं

हमारे पुराण-धर्मग्रंथों में सृष्टि-काल चार युगों में विभक्त है..जिनमें सबसे पहले सतयुग, फिर त्रेता, फिर द्वापर और अंत में कलयुग आता है

त्रेता वो युग था, जिसमें भगवान ने धरती पर श्रीराम के रूप में मनुष्य अवतार लिया था और दुरात्माओं का अंत किया था

त्रेता युग में रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद, बाली, सुग्रीव, हजार हाथों वाले कार्तवीर्य अर्जुन हुए, जिनका नाम सबसे ताकतवर योद्धाओं में आता है

रावण और कुंभकर्ण राक्षस थे, जिनके पिता एक मानव (विश्रवा ऋषि ब्राह्मण) और मां (कैकसी) राक्षसी थी

रावण और कुंभकर्ण अपने पूर्व-जन्म में हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष थे..जिन्हें भगवान के वाराहवतार और नरसिंहावतार ने मारा था

पुराणों में उल्लेख है कि रावण इतना बलवान था कि उसने शिवजी के कैलाश पर्वत को उठाने की चेष्टा की थी

रावण अपने जीवनकाल में केवल 5 वीर-पुरुषों से हारा था, जिनमें किष्किंधा के वानरराज बाली, पाताल लोक के दैत्यराज बलि, क्षत्रिय राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन, भगवान शिव और श्रीराम

कार्तवीर्य अर्जुन को ही सहस्त्रबाहु अर्जुन कहा गया, क्योंकि उसके 1 हजार भुजाएं थीं..उसने 20 हाथों वाले रावण को भींच दिया था

वानरराज बाली के बारे में कहा जाता है कि वह सामने से वार करने वाले योद्धा का आधा बल हर लेता था, अंत में श्रीराम ने उसे मारा

हनुमानजी: सबसे ताकतवर योद्धाओं में से एक, जो पवनपुत्र कहे जाते हैं, रुद्रावतारों में गिनती होती है

ये भी बहुत शक्तिशाली थे: सुग्रीव, अंगद, अतिकाय, लवणासुर