किसकी है सात तालों में बंद ये जहरीली नोटबुक, जिसे छूने से हो जाएगी मौत

दुनिया में एक नोटबुक ऐसी है, जिसे कोई छू भी ले तो फौरन मौत हो सकती है.

सुरक्षा के लिहाज से इस नोटबुक को रेडियोएक्टिव लीड बॉक्स में रखा गया है और किसी को इसके आसपास भी जाने की इजाजत नहीं है.

यह जहरीली नोटबुक मशहूर वैज्ञानिक मैरी क्यूरी (Marie Query) की है.

मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी ने साल 1898 में दो नए रेडियोएक्टिव पदार्थों की खोज की. ये एलिमेंट थे- रेडियम और पोलोनियम थे.

उनकी इस खोज को दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने सराहा और चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति आ गई.

इस खोज के लिए क्यूरी दंपति को साल 1903 में भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

इस पुरस्कार के साथ मैरी क्यूरी नोबेल जीतने वाली पहली महिला वैज्ञानिक बनीं. दुर्भाग्यवश मैरी क्यूरी के पति पियरे क्यूरी की उनसे पहले मौत हो गई.

इसके बावजूद मैरी ने अपना काम जारी रखा. वह फिजिक्स की पहली महिला प्रोफेसर बनीं और पेरिस यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगीं.

अध्यापन के साथ-साथ रेडियोएक्टिविटी पर अपना काम जारी रखा. साल 1911 में उन्हें रेडियम के शुद्धीकरण के लिए केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार दिया गया.

साइंस फैक्ट्स के मुताबिक उस दौर में रेडियोएक्टिव मैटेरियल के बारे में लोगों को बहुत ज्यादा जानकारी नहीं थी. लोगों को नहीं पता था कि रेडिएशन खतरनाक होता है और जान ले सकता है

खुद मरी क्यूरी, अक्सर अपनी लैब में रेडियोएक्टिव मैटेरियल्स को अपनी पॉकेट में लेकर घूमती थीं.

साल 1934 में जब मैरी क्यूरी का निधन हुआ तो उनके शरीर में इतना रेडिएशन था कि उनकी बॉडी लीड लाइन ताबूत में बंद करनी पड़ी.

मैरी क्यूरी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली तमाम चीजें, जैसे- पेन, पेपर, दवात वगैरह आज भी रेडियोएक्टिव हैं. मैरी की नोटबुक में सबसे ज्यादा रेडिएशन है.

इस नोटबुक को फिलहाल फ्रांस की नेशनल लाइब्रेरी में बहुत सुरक्षित तरीके से रखा गया है.