जर्मनी की राजधानी बर्लिन एक ऐसी जगह पर मौजूद है जहां सूखे की स्थिति हमेशा बनी रहती है. हर साल गर्मियों में यहां के लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है.
ऐसे में अब यह शहर बारिश के पानी को स्पंज की तरह सोखने और जमा करने के उपाय अपना रहा है. बाद में जरूरत पड़ने पर इकट्ठा किए गए इस पानी का इस्तेमाल किया जाता है.
दरअसल, बर्लिन के स्थानीय प्रशासन ने शहर को स्पंज सिटी में बदलकर बारिश के पानी को जमा करने के लिए बड़े-बड़े कुओं का निर्माण शुरू कर दिया है.
पानी की समस्या हल करने के लिए, सबसे पहले कई बड़े भूमिगत ओवरफ्लो बेसिन बनाए गए. ये बेसिन वेस्ट वाटर की पार्किंग की तरह काम करेंगे.
ऐसा कर के बर्लिन ना सिर्फ बारिश के पानी से अपने भूमिगत जल का स्तर बढ़ाएगा. बल्कि बारिश के पानी और नाले में बहने वाली गंदगी से नदी को भी सुरक्षित रखेंगें.
जब बहुत तेज बारिश होती है और बर्लिन की सीवेज सिस्टम पर दबाव पड़ता है, तो अतिरिक्त पानी को इन बेसिन में जमा किया जाता है.
ये कुएं आम भारतीय कुओं की तरह नहीं हैं. बल्कि ये किसी टैंक की तरह हैं. इसमें ना सिर्फ पानी रुकता है, बल्कि उसका ट्रीटमेंट कर उसे इस्तेमाल लायक भी बनाया जाता है.
जर्मनी का सबसे बड़ा बेसिन इस शहर में 2026 तर बन कर तैयार हो जाएगा. इस बेसिन में 17,000 क्यूबिक मीटर पानी इकट्ठा किया जा सकेगा.