रेलवे ट्रैक के पास अलमारी जैसे बॉक्स क्यों लगाए जाते हैं? जानें क्या है इनका काम

भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. करोड़ों लोग ट्रेन में रोजाना सफर करते हैं. देश की अर्थव्यवस्था में रेलवे की अहम भूमिका है.

कभी न कभी आपने भी ट्रेन से सफर किया ही होगा. ट्रेन से सफर करते समय हम बहुत सी चीजें देखते हैं जिन्हें देखकर हमारे मन में उसके बारे में जानने की इच्छा पैदा होती है.

लेकिन कभी-कभी जानकारी नहीं मिल पाती है. ऐसे ही ट्रेन में सफर के दौरान आपने ट्रेन की पटरियों और उसके पास सिल्वर कलर के बॉक्स जरूर देखे होंगे. 

ये अलमारी की तरह दिखाई देते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये अलमारी जैसे बॉक्स यहां क्यों लगाए गए हैं चलिए हम आपको बताते हैं इसके बारे में. 

दरअसल, रेलवे ट्रैक के किनारे लगे एल्युमिनियम के बॉक्स लगाए जाते हैं. इनका नाम एक्सल काउंटर बॉक्स है. रेलवे ट्रैक के किनारे ये बॉक्स आपको हर 4-5 किमी की दूरी पर लगे दिखाई दे जाएंगे. 

हैरानी की बात यह है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए ये बॉक्स बहुत जरूरी है. इस बॉक्स में एक स्टोरेज डिवाइस लगी होती है जो ट्रेन के ट्रैक से जुड़ी होती है. 

ये डिवाइस ट्रेन के एक्सल को काउंट करता है. एक्सल ट्रेन की बोगी के दोनों पहियों को जोड़कर रखता है. ये डिवाइस उन्हीं एक्सल की गिनती करता है. 

रेलवे इस बॉक्स से हर 5 किलोमीटर पर एक्सल की गिनती करता है. जिससे यह पता लग पाए कि कितने पहियों के साथ ट्रेन स्टेशन से निकली थी. 

अगर ट्रेन किसी हादसे का शिकार हो जाती है और इसके कुछ डिब्बे अलग हो जाते हैं तो यह एक्सल काउंटर बॉक्स उस ट्रेन के गुजरने पर यह बता देता है कि उसमें कितनी पहियों की संख्या कम है. 

इससे रेलवे विभाग को यह पता करने में मदद मिल जाती है कि ट्रेन के डिब्बे किस जगह से अलग हुए थे. इससे रेलवे के हादसे के बाद जांच पड़ताल करने में काफी मदद मिलती है.