रात में ही क्यों किया जाता है किन्नरों का अंतिम संस्कार?
अपनी दुनिया में मस्त रहने वाले इस समाज से जुड़े कई राज आज भी राज ही हैं
आज तक किसी ने भी किन्नरों को शवयात्रा निकालते और अन्तिम संस्कार करते नहीं देखा
इनका अन्तिम संस्कार आधी रात के बाद किया जाता है
किसी को शक न हो इसलिए अन्तिम यात्रा में शामिल व्यक्ति हंसते और बात करते हुए जाते हैं
माना जाता है कि आम इंसान मृतक किन्नर का चेहरा या उसकी शवयात्रा देख लेता है तो अगले जन्म में वह भी दोबारा किन्नर के रूप में जन्म लेता है
कहा जाता है कि किन्नर की मृत्यु होने पर उसके शव को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है
वहीं किन्नर की मृत्यु पर उसके साथी शोक के बजाए खुशियां मनाते हैं
मृतक किन्नर का अन्तिम संस्कार उसकी धार्मिक परम्पराओं के अनुसार किया जाता है
किसी सुदूर स्थान को चुनकर वहां गड्ढा खोदकर मृतक किन्नर का पार्थिव शरीर दफनाया जाता है. वहीं जगह न मिलने पर जलाया भी जाता है