कभी सोचा है आखिर मिर्च इतनी तीखी क्यों होती है? 99% लोग नहीं जानते होंगे जवाब
खाना बनाने के लिए जिन मसालों का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें मिर्च एक जरूरी मसाला है. इसके बिना खाना फीका लगता है.
कम से कम भारतीय तो मिर्ची का इस्तेमाल रोजमर्रा के खाने में भरपूर तरीके से करते हैं. साउथ इंडिया में तो लाल मिर्च बहुत ज्यादा खाई जाती है.
हालांकि हल्की सी तीखी मिर्च खाने में स्वाद बढ़ाने का काम करती है. लेकिन मिर्च चाहे लाल हो, हरी हो या फिर काली मिर्च सभी में एक बात कॉमन है और वो है तीखापन.
कई बार तो मिर्च इतनी तीखी होती है कि खाते समय आंखों से आंसू आ जाते हैं, हाथों में लग जाने से तो इतनी जलन होने लगती है कि काफी देर तक खत्म नहीं होती.
लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर मिर्च में इतना तीखापन क्यों होता है? चलिए इसका जवाब जानते हैं.
मिर्च में कैप्साइसिन नाम का कंपाउंड होता है जो कि इसके बीज बाले हिस्से में होता है. यही इसको तीखा बनाता है इसी की वजह से चिली काफी हॉट होती है.
जब हम मिर्च को खाते हैं तो कैप्साइन जीभ और स्किन की नसों पर अपना असर करता है और खून में सब्सटेंस पी नाम का केमिकल रिलीज करता है जो हमारे दिमाग को जलन और गर्मी का संकेत देता है.
आपने देखा होगा और महसूस भी किया होगा कि मिर्च खाने के बाद ढेर सारा पानी पीने से भी तीखापन नहीं जाता है. इसकी वजह है कि कैप्साइसिन तत्व पानी के साथ घुलता नहीं है.
अगर आपने भी तीखी मिर्च खा ली है और जलन को शांत करना चाह रहे हैं, तो इसके लिए शहद, दूध, दही या चीनी का इस्तेमाल करना चाहिए.