बांग्लादेश की पीएम ने विपक्ष को क्यों कहा अपनी पत्नियों की साड़ियां जलाने को?

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने देश में उनके विरोधियों की ओर से चलाए जा रहे भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के अभियान के जवाब में 'साड़ी' का मुद्दा छेड़ा है.

शेख़ हसीना ने कहा है कि जब विपक्षी नेता अपने पार्टी कार्यालयों के बाहर अपनी पत्नियों के पास मौजूद भारतीय साड़ियों को जलाएंगे. 

बांग्लादेश में आम चुनाव के बाद से जारी भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के इस मुद्दे को प्रमुखता से छापा है.

बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी के भारतीय उत्पादों के बहिष्कार से जुड़े अभियान और उसके पीछे की वजहों के बारे में.

बांग्लादेश की आज़ादी की सालगिरह के मौक़े पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शेख़ हसीना ने विपक्षियों के अभियान को लेकर सवाल किया, "उनकी पत्नियों के पास कितनी भारतीय साड़ियां हैं?"

जब वे अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां पार्टी दफ्तर के बाहर जलाएंगे तब ही ये साबित होगा कि वे भारतीय सामान का बहिष्कार करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. 

शेख़ हसीना ख़ुद भी बंगाल की जामदानी और तंगेल साड़ियों की शौकीन मानी जाती हैं.

शेख हसीना ने 1991-1996 और 2001-2006 के बीच विपक्ष में रहने वाले अपने दिनों को याद करते हुए कहा, "जब बीएनपी सत्ता में थी, तब मंत्रियों की पत्नियां भारत जाया करती थीं.

उन्होंने आगे कहा कि वे वहाँ साड़ियाँ ख़रीदती थीं और इधर-उधर घूमा करती थीं...वो एक सूटकेस के साथ जाती थीं और छह-सात बक्सों के साथ लौटती थीं."