पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 92 की उम्र में दिल्ली एम्स में का निधन हुआ, जब उनकी हालत गंभीर हो गई थी और उन्होंने वहीं आखिरी सांस ली.

मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, जिसके दौरान पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.

मनमोहन सिंह देश के 14वें प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने साल 2004 से लेकर साल 2014 तक, दो बार इस पद का कार्यभार संभाला था.

मनमोहन सिंह, जिनका जन्म 1932 में हुआ, एक पॉलिटिशियन, इकनॉमिस्ट, ब्यूरोक्रेट और पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में प्रसिद्ध थे.

इन सभी पहचान के अलावा, उनकी शख्सियत का एक और महत्वपूर्ण पहलू उनकी नीली पगड़ी थी.

यह पगड़ी न केवल उनके सौम्य स्वभाव और व्यक्तित्व का प्रतीक बनी, बल्कि उनके जीवन और करियर में भी एक विशेष महत्व रखती थी.

दरअसल, मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी की कहानी 2006 से जुड़ी है, जब उन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट ऑफ लॉ से सम्मानित किया गया था.

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चांसलर और तत्कालीन ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग, प्रिंस फिलिप ने उनकी पगड़ी और उसके रंग पर ध्यान आकर्षित किया.

इसके बाद मनमोहन सिंह ने खुद बताया था कि वह इस रंग की पगड़ी क्यों पहनते हैं और यह उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण है.

मनमोहन सिंह ने इस बारे में बताया था, "जब मैं कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर रहा था, तो मैंने नीले रंग की पगड़ी पहनी थी. मेरे दोस्तों ने मुझे 'ब्लू टर्बन' (नीली पगड़ी) का नाम दिया था."

इसका मतलब यह था कि नीला रंग उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका था, जो उनके छात्र जीवन से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक उनके साथ रहा.

पूर्व प्रधानमंत्री ने आगे यह भी कहा था कि नीला रंग हमेशा से उनका पसंदीदा रंग रहा है और यही वजह है कि उन्होंने अपनी पगड़ी में हमेशा नीले रंग को चुना.