कर्पूरी ठाकुर ने अपने बहनोई को नौकरी की जगह क्यों दिए 50 रुपये?

24 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती है. 

इस मौके पर बिहार के साथ-साथ देश भर के नेता जन नायक को याद कर रहे हैं. 

वहीं कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया है. 

ऐसे में आज हम आपको उनके बारे में कुछ रोचक बाते बताने जा रहे हैं जिन्हें हम सबको जानना बहुत जरूरी है.

कर्पूरी ठाकुर बेहद गरीब परिवार से आते थे. उन्हें गरीबों का मसीहा माना जाता है.

कर्पूरी ठाकुर दिसंबर 1970 से जून 1971 तक और दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. उनका 17 फरवरी, 1988 को निधन हो गया था.

कर्पूरी ठाकुर से जुड़े कुछ लोग बताते हैं कि कर्पूरी ठाकुर जब राज्य के मुख्यमंत्री थे तो रिश्ते में उनके एक बहनोई उनके पास नौकरी के लिए गए.

उन्होंने मुख्यमंत्री साले से नौकरी के लिए सिफारिश करने के लिए कहा तो बहनोई की बात सुनकर कर्पूरी ठाकुर गंभीर हो गए.

उन्होंने अपनी जेब से 50 रुपये निकालकर उन्हें दिए और कहा कि जाइए और एक उस्तरा आदि खरीद लीजिए और अपना पुश्तैनी धंधा आरंभ कीजिए.