महाभारत की स्क्रिप्ट लिखने से मुस्लिम राइटर ने क्यों किया था इनकार, दिलचस्प है किस्सा

दूरदर्शन पर टेलीकास्ट हुए धारावाहिक महाभारत के पात्रों ने जब-जब टीवी पर संवाद बोले दर्शकों ने खूब तालियां बजाई. 

'मैं समय हूं और आज महाभारत की कथा सुनाने जा रहा हूं', इसे भला कौन भूल सकता है? 90 के दशक में हिंदुस्तान का कोई ऐसा घर नहीं होगा जिनके यहां ये आवाज न सुनाई दी हो. 

इस पौराणिक धारावाहिक को लिखा था राइटर राही मासूम रजा ने. उनका स्याही से लिखे एक-एक शब्द का करिश्मा ऐसा था कि महाभारत लोगों के घरों तक पहुंची. 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिन्होंने 'महाभारत' को देश के घरों तक पहुंचाने का काम किया उन्होंने इसकी कहानी और डायलॉग लिखने से इनकार कर दिया था. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म प्रोड्यूसर और डायरेक्टर बीआर चोपड़ा ने एक ऐसी तरकीब निकाली कि वह मना नहीं कर पाए. चलिए बताते हैं, इसका दिलचस्प किस्सा.

बीआर चोपड़ा ने जब ‘महाभारत’ के डायलॉग्स लिखने की गुजारिश की तो राही मासूम रजा ने समय की किल्लत का हवाला देते हुए मना कर दिया, लेकिन निर्माता ने एक प्रेस कांफ्रेस में उनके नाम का अनाउंसमेंट कर दिया. 

जब ये बात समाचार पत्रों में छप गई तो बीआर चोपड़ा के पास चिट्ठियों का भंडार लग गया. 

इन पत्रों में लोगों ने लिखा कि ‘सारे हिंदू मर गए हैं क्या, जो आप एक मुसलमान से महाभारत लिखवा रहे हैं’.

जब ये खबर राही मासूम रज़ा तक पहुंची तो उनका पारा चढ़ गया और उन्होंने तुरंत बीआर चोपड़ा को महाभारत की कहानी लिखने के लिए बोल दिया.

राही मासूम रज़ा ने बीआर चोपड़ा से कहा था, "मैं ही 'महाभारत' लिखूंगा, क्योंकि मैं मां गंगा का बेटा हूं." राही ने ये बात ऐसे ही नहीं कही थी. 

इसके पीछे एक बड़ी वजह यह थी कि उन्होंने कहा था कि उनकी तीन माएं थीं, नफीसा बेगम, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी और गंगा, जो गंगौली में बहती थी.

बी आर चोपड़ा की तरकीब काम कर गई और राही मासूम रजा ने जो लिखा, उसके बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है. 

एक इंटरव्यू में रजा साहब ने कहा था ‘मैंने उसको लिखना इसलिए कुबूल किया कि मैं जानता था कि मैं इसको कंटेपररेरी बना सकता हूं और इसको हिंदुस्तान गुजरे हुए कल को हिंदुस्तान के आज से जोड़ सकता हूं’.

बता दें कि राही मासूम रजा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर इलाके में पैदा हुए थे. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की.

‘आधा गांव’ और ‘टोपी शुक्ला’ जैसे मशहूर उपन्यास लिखने वाले लेखक ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का रुख कर लिया था.  उन्होंने करीब 300 फिल्मों की स्क्रिप्ट और डायलॉग्स लिखे जिसमें ‘मिली’, ‘कर्ज’, ‘लम्हे’ जैसी फिल्में शामिल हैं.