शराब पीने के बाद लोगों को होश नहीं रहता कि वो क्या बोल रहा है या कर रहा है, लेकिन जैसे ही वो जुबान खोलता है, उसके मुंह से इंग्लिश निकलने लगती है.
ये अक्सर हम देखते हैं कि शराब पीने के बाद लोग इंग्लिश बोलने लगते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर ऐसा होता क्यों हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण क्या है.
साइंस मैगजीन 'जर्नल ऑफ साइकोफार्माकोलॉजी' ने इस पर रिसर्च करके इसका कारण बताया है कि शराब पीने के बाद व्यक्ति दूसरी भाषा बोलने लगता है और दूसरी भाषा की स्किल में सुधार हो जाता है.
रिसर्च स्टडी में दावा किया गया है कि शराब इंसान की लैंग्वेज स्किल इम्प्रूव कर देती है. खासकर फॉरेन लैंग्वेज स्किल. यानी भारतीय संदर्भ में शराब पीने के बाद इंसान अंग्रेजी बोलने लगता है.
इस स्टडी के अनुसार, शराब सोशल एंग्जाइटी भी दूर करती है. यानी बहुत से लोगों को देखकर मन में जो घबराहट या बेचैनी होती है, वह शराब से दूर हो जाती है.
वहीं, जब शराब का नशा टूटता है तो व्यक्ति को लगता है कि उनकी सेकेंड लैंग्वेज स्किल में काफी सुधार हुआ है और वह फर्राटेदार बात कर सकता है.
शराब पीने के बाद किसी भी इंसान को वो करने का कॉन्फिडेंस आ सकता है, जिसे वह होश में करने से कतराता हो.
ऐसा नहीं है कि शराब सिर्फ इंग्लिश बोलने में मदद करता है. दरअसल, इंसान अपनी मदर टंग बोलते बोलते उसमें काफी कम्फर्टेबल हो जाता है. उसे अगर दूसरी भाषा आती भी है, तो झिझक से वो उसे बोलता नहीं है.
वहीं रिसर्च के अनुसार ज्यादा शराब पीने का उल्टा असर हो सकता है. शराब पीने से जुबान लड़खड़ाने लगती है, फर्राटेदार बोलना मुश्किल हो जाता है और आत्मविश्वास भी घट जाता है.