क्या आप जानते हैं कुत्ते के काटने से क्यों होता है रेबीज? जानें इसके पीछे की वजह
रेबीज एक ऐसी वायरल बीमारी है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम पर असर डालती है।
इस बीमारी का कारण रेबीज वायरस होता है, जो लाइसा वायरस ग्रुप का हिस्सा है।
कुत्ते के काटने पर उसकी लार घाव में चली जाती है और वायरस शरीर में पहुंच जाता है.
क्योंकि कुत्ते की लार में रेबीज वायरस मौजूद होता है, इसलिए काटने पर यह वायरस सीधे खून में जा सकता है.
वायरस नसों के जरिए दिमाग तक पहुंचता है और वहां खतरनाक संक्रमण कर देता है.
रेबीज के लक्षण कुत्ते के काटने के कुछ हफ्तों या महीनों बाद दिख सकते हैं.
शुरुआत में मरीज को बुखार, कमजोरी और घाव पर जलन या दर्द महसूस हो सकता है.
गंभीर मामलों में मरीज को पानी से डर लगने लगता है, बेचैनी होती है, मानसिक भ्रम और लकवा भी हो सकता है.
गंभीर मामलों में मरीज को पानी से डर लगने लगता है, बेचैनी होती है, मानसिक भ्रम और लकवा भी हो सकता है.
कुत्ते के काटने पर घाव को तुरंत साबुन और पानी से धोएं, डॉक्टर के पास जाएं और एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं.
कुत्ते के काटने को हल्के में ना लें क्योंकि रेबीज जानलेवा है, लेकिन समय पर इलाज से बचाव संभव है.