हर साल हजारों की संख्या में इंडियन स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई (MBBS) के लिए बांग्लादेश जाते हैं.
साल 2022 की बात करें तो इंडियन गवर्नमेंट द्वारा दिए गए डेटा के मुताबिक 9308 कैंडिडेट्स इंडिया से बांग्लादेश गए.
इनमें से 922 ने फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन में भी हिस्सा लिया. यानी ये विदेश से पढ़कर इंडिया में ही प्रैक्टिस करना चाहते थे.
ऐसे में आइए जनते हैं कि इंडिया में बांग्लादेश से कहीं बेहतर सुविधाएं हैं तो भारतीय किस चीज की पढ़ाई करने और क्यों पड़ोसी देश का रुख करते हैं.
बांग्लादेश और इंडिया के बीच दूरी बहुत कम है. दूसरी विदेशी धरती के मुकाबले यहां आना-जाना कम खर्च में हो जाता है.
इंडिया के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में यहां एमबीबीएस की पढ़ाई का खर्च काफी कम है.
यहां मेडिकल की बैचलर्स डिग्री पांच साल की है और एक साल का इंटर्नशिप पीरियड है. पूरा कोर्स जिसमें रहने का खर्च भी है 30 से 40 लाख तक में हो जाता है.
इंडिया में सीटें कम हैं तो कई बार जिन कैंडिडे्टस को यहां एडमिशन नहीं मिलता वे पड़ोसी देश से एमबीबीएस करने का फैसला लेते हैं.
यहां एडमिशन के लिए पात्रता पीसीबी विषयों के साथ कम से कम 50 परसेंट अंकों से 12वीं पास और नीट क्वालीफाई होना है.
नीट पास करने के बाद लगभग सभी विदेशी देशों में कैंडिडे्टस को एमबीबीएस में एडमिशन मिल जाता है. यहां पढ़ाई का माध्यम इंग्लिश है इसलिए भी इंडियन कैंडिडेट्स को आराम रहता है.