देश की मशहूर मस्जिदों में राजधानी नई दिल्‍ली में स्थित जामा मस्जिद समेत कई मस्जिदों के नाम आते हैं. 

\

लेकिन आज हम आपको ऐसी खास मस्जिद के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसकी चर्चा न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हैं.

इस मस्जिद का नाम ताज-उल-मस्जिद है. इसे एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद में गिना जाता है. 

कहा जाता है कि इस मस्जिद में एक साथ लगभग एक लाख लोग नमाज पढ़ सकते हैं. आपको बता दें, कि ये मस्जिद 5.68 एकड़ में बनी है.

इस मस्जिद की बनावट बेहद सुंदर है. इसमें 18 मंजिला ऊंची मिनारें हैं. इसके साथ ही इस मस्जिद के ऊपर 3 गुंबद व 2 मीनार बनवाई गई हैं.

मोतिया तालाब और ताज-उल-मस्जिद को मिलाकर इस मस्जिद का कुल क्षेत्रफल 14 लाख 52 हजार स्क्वेयर फीट है जो मक्का-मदीना के बाद सबसे ज्यादा है. 

कहा जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण भोपाल की शासक शाहजहां बेगम ने करवाया था. शाहजहां बेगम शाहजहां बेगम को इमारतें बनवाने का बहुत शौक था. 

उन्होंने भोपाल में ताज-उल-मस्जिद, ताजमहल, नूर मस्जिद, बेनजीर मंजिल, नूर महल आदि बनवाएं. इस मस्जिद को मस्जिदों का ताज कहा जाता है.