कुवैत को "टायरों का कब्रिस्तान" भी कहा जाता है, और इसका एक महत्वपूर्ण कारण है. यहां स्थित दुनिया का सबसे बड़ा टायर डंपिंग ग्राउंड.

कुवैत के सुलायबिया शहर में स्थित टायरों का यह डंपिंग ग्राउंड दुनिया का सबसे बड़ा है, जिसके कारण इसे "टायरों का कब्रिस्तान" भी कहा जाता है.

यह डंपिंग ग्राउंड इतना विशाल है और यहां इतनी बड़ी मात्रा में बेकार और इस्तेमाल किए गए टायर पड़े हुए हैं कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है.

यह टायर डंपिंग ग्राउंड अरब प्रायद्वीप के उत्तर-पूर्वी कोने में स्थित है, जहां हर साल लाखों पुराने टायर विदेशों से लाकर डंप किए जाते हैं.

पुराने आंकड़ों के अनुसार, कुवैत की रेत में 42 मिलियन से ज्यादा टायर डंप किए गए हैं

इन पुराने टायरों में आग लगने के कारण इस क्षेत्र की हवा बुरी तरह प्रभावित हो रही है और यह जहरीली होती जा रही है.

कई बार इस विशाल डंपिंग ग्राउंड में लगी आग के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं.

कुछ साल पहले, कुवैत ने यहां टायर रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया शुरू की थी और अब इस डंपिंग ग्राउंड में एक नया शहर बनाने की योजना पर काम चल रहा है.

इसके तहत, यहां पड़े पुराने टायरों को सऊदी अरब की सीमा के पास स्थित अल-सलमी स्थान पर भेजा जा रहा है, जहां इन्हें रीसायकल किया जा रहा है.

टायरों की रीसाइक्लिंग करने वाली कंपनी, ईपीएससीओ ग्लोबल जनरल ट्रेडिंग ने अल-सलमी में एक प्लांट स्थापित किया है, जहां टायरों को रीसायकल कर अन्य उत्पाद बनाए जा रहे हैं. इसके बावजूद, कुवैत में डंप किए गए टायरों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आई है.