मालदीव से क्यों बेहतर है लक्षद्वीप? ऐसे ही नहीं गूगल के टॉप ट्रेंड में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव चिढ़ गया है और बहुत निराश है.

पीएम की लक्षद्वीप यात्रा और वहां से सामने आईं उनकी तस्वीरें बहुत चर्चा में है. प्रधानमंत्री का लक्षद्वीप जाना वहां पर्यटन को बढ़ावा देने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

इसकी वजह ये है कि पर्यटन के लिए जाने की बात जब भी आती है तो मालदीव का नाम पहले आता है, जबकि लक्षद्वीप भी कम खूबसूरत नहीं है.

मालदीव और लक्षद्वीप के बीच दूरी भी ज्यादा नहीं है. पीएम की यात्रा के बाद लक्षद्वीप के टूरिस्ट हब बनने की चर्चा चल रही है. इससे सबसे ज्यादा चिंता मालदीव को है.

लक्षद्वीप प्राकृतिक सुंदरता के मामले में मालदीव से कहीं से भी कम नहीं है, बावजूद इसके मालदीव टूरिस्ट्स के लिए आकर्षण का केंद्र इस वजह से बना हुआ है क्योंकि वहां टूरिज्म के लिए बुनियादी ढ़ांचा विकसित हो गया है.

वहां के विला भी आकर्षण का केंद्र हैं. पर्यटकों को वहां ठहरने, खाने पीने और आवागमन की अच्छी सुविधाएं मिल जाती हैं.

मालदीव की तुलना में भारत के टापू लक्षद्वीप में पर्यटन के लिए वैसा विकास नहीं हो पाया है जैसा होना चाहिए था. इसकी वजह पर्यावरण को लेकर चिंता भी है.

भारत लक्षद्वीप की सुंदरता का फायदा टूरिज्म को बढ़ावा देकर लाभ कमाने में नहीं कर पा रहा है. जरूरी है कि भारत पर्यावरण की चिंता करते हुए भी मालदीव को ऐसा बनाए जिससे पर्यटक मालदीव न जाकर लक्षद्वीप जाएं.

लोगों में एक संदेश भेजना चाहिए कि प्रकृति के साथ समय बिताने के लिए लक्षद्वीप मालदीव की तुलना में ज्यादा बेहतर हो सकता है.