आखिर क्यों एक जगह अटककर घूम रहा है दुनिया का सबसे बड़ा आइसबर्ग? यहां जानें
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दुनिया का सबसे बड़ा आइसबर्ग A23a अंटार्कटिका के उत्तर में कई महीने से फंसा हुआ है और यह वहीं घूम रहा है.
यह आईसबर्ग लगभग 10,000 फीट गहरा है यह आइसबर्ग न्यूयॉर्क के आकार का 5 गुना बड़ा है.
1986 में A23a अंटार्कटिका में फिल्चनर-रोने आइस शेल्फ से अलग हो गया. यह 2020 में बह गया और दशकों तक वेडेल सागर में फंसा रहा.
हालांकि यह दक्षिण अटलांटिक के गर्म पानी में प्रत्याशित संक्रमण नहीं कर पाया.
यह आइसबर्ग सिलिंडर की आकृति में घूमते हुए पानी के बड़े हिस्से टेलर कॉलम के शीर्ष पर फंस गया है.
यह जाल A23a के प्रत्याशित धीमी गति से पिघलने में देरी का कारण बनता है. अंटार्कटिका से दूर जाने वाले हिमखंड आमतौर पर समय के साथ पिघल जाते हैं.
लेकिन इस हिमखंड के अंत के लिए टेलर कॉलम से बाहर निकलने तक इंतजार करना होगा, जो कि सालों दूर हो सकता है.
अंटार्कटिका की तेज बर्फ पिघलने में दुनिया भर के समुद्र के स्तर पर काफी असर पड़ा है. उदाहरण के लिए, 2020 से पहले के तीस सालों में समुद्री बर्फ़ पिघलने की गति छह गुना बढ़ गई.
नेचर में छपे 2018 के एक अध्ययन के अनुसार, अंटार्कटिका ने 1992 और 2017 के बीच लगभग 3 ट्रिलियन मीट्रिक टन बर्फ़ खो दी.
वर्तमान अनुमानों से पता चलता है कि वैश्विक समुद्र स्तर में 0.4 मिलीमीटर वार्षिक वृद्धि का एकमात्र कारण अंटार्कटिक बर्फ का पिघलना है.
यदि पश्चिमी अंटार्कटिक बर्फ की चादर पूरी तरह पिघल जाती है, तो समुद्र का स्तर कई मीटर तक बढ़ सकता है, जिससे दुनिया भर में तट के किनारे रहने वाले लोग प्रभावित होंगे.