इजरायल और हमास की लड़ाई में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. जिसमें करीब 700 इजरायली सैनिक भी हैं.
इजरायल सरकार अब लड़ाई में जान गंवाने वाले अपने सैनिकों का शुक्राणु यानी स्पर्म सुरक्षित रखवा रहा है.
अब तक 170 नौजवानों का स्पर्म रिट्रीवल के बाद लैब में फ्रीज किया किया गया है. इनमें कुछ आम नागरिक भी शामिल हैं.
ऐसे में लोग जानना चाहती है कि आखिर इजरायल की सरकाार ऐसा कर क्यों रही है. क्या है इसका कारण? आइए जानते हैं.
हमास से लड़ाई में जान गंवाने वाले सैनिकों या आम नागरिकों का जो स्पर्म रिट्रीव किया जा रहा है, उसके पीछे मकसद है कि उससे भविष्य में बच्चे पैदा हो सकें.
रिपोर्ट के अनुसार, किसी सैनिक के मरने के बाद आर्मी फौरन उसके परिवार वालों को इन्फॉर्म करती है और उनसे पूछती है कि क्या वह स्पर्म रिट्रीव करवाना चाहते हैं.
फिर परिवार की लिखित सहमति के बाद शुक्राणु निकाल लिया जाता है. हाल के महीनों में स्पर्म रिट्रीवल कराने वाले परिवारों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
इसका मकसद जंग में जान गंवाने वाले सैनिकों के स्पर्म से नया जीवन देने की है. इस कैंपेन से इस पूरी प्रक्रिया के प्रति लोगों की स्वीकार्यता भी बढ़ी है.
दरअसल कई महिलाएं और लड़कियां इस कैंपेन के तहत सैनिकों के बच्चों को पैदा करने के लिए आगे आ रही हैं.