जंगल बाघ, शेर, हाथी जैसे तमाम जानवरों का घर है. अगर हम अनुभव पाने के लिए उनके इलाके में जाते हैं तो इस बात का एहसास जरूर होना चाहिए कि हमें उनके हिसाब से रहना है.

कई बार ऐसा देखा गया है कि जंगली जानवर अपने पास से गुजरने वाले लोगों पर हमला कर देते हैं. यहां तक क‍ि गंभीर रूप से घायल भी कर देते हैं. 

लेकिन आपने बहुत कम सुना होगा कि जंगल सफारी के लिए गए लोगों पर शेर या किसी अन्य हिंसक जानवर ने हमला कर दिया. 

कई अफ्रीकी देशों में Wildlife Safari Park हैं. वहां जानवरों के करीब जाने के लिए लोग खुली जीपों का उपयोग करते हैं. 

भारत में भी ऐसा ही होता है, लेकिन हमने शायद ही कभी किसी Safari वाहन में यात्रा कर रहे लोगों पर बाघ या तेंदुए के हमले के बारे में सुना हो. ऐसा क्यों है? इसकी वजह बेहद दिलचस्‍प है.

सोशल मीडिया और टीवी पर आपने कई ऐसे वीडियो देखे होंगे, जहां चीता, तेंदुआ, शेर आदि सफारी वाहन के बहुत करीब आ जाते हैं, फिर भी आक्रामक होते नहीं दिखते. 

आपने अक्सर देखा होगा कि जंगल सफारी के लिए रखे गए जीप बंद नहीं होते हैं. इन्‍हें इस तरह डिजाइन किया जाता है कि पर्यटकों को क्षेत्र के 360 डिग्री एंगल में आने वाले सभी जानवर आसानी से दिख जाएं.

Video में आप देख सकते हैं कि टाइगर भी सफारी वाहन के पास से गुजर रहा है, जिसमें एक शख्‍स भी बैठा हुआ है पर हमला नहीं करता.

दरअसल, इसके पीछे की एक खास वजह है. जानवर सफारी वाहन को एक बड़ी वस्तु या एक बड़े जानवर के रूप में देखते हैं. 

शेरों और बाघों को लगता है कि यह हमारे ही बहुत बड़े पर‍िवार का एक ह‍िस्‍सा हैं, इसलिए जब तक लोग वाहन के अंदर होते हैं, तब तक जानवर उन्हें कुछ नहीं कहते हैं.

जब लोग वाहन से बाहर निकलते हैं या अपना सिर बाहर निकालते हैं, तो ये खतरा हो सकता है कि जानवर उन पर हमला कर दे.

इसीलिए अगर कोई शेर या जानवर आक्रामक नजर आ रहा हो तो लोगों को न घबराने और जीप के पास ही रहने की सलाह दी जाती है. ज्‍यादातर जानवर भाग रहे लोगों खतरा समझते हुए हमला करते हैं.