भारत में आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जैसे दस्तावेज़ होना बेहद जरूरी होते हैं, क्योंकि इनका उपयोग पहचान प्रमाण के रूप में किया जाता है.

इन दोनों दस्तावेजों में एक सामान्य बात होती है और वह है उन पर लगी फोटो. इन दोनों दस्तावेजों में जो लोगों के फोटो होते हैं वह बेहद खराब क्लालिटी के होते हैं.

फोटो और असल चेहरे में इतना फर्क होता है कि पहचान मुश्किल हो जाती है. लेकिन आखिर ऐसा क्यों होता है? आइए आपको भी बताते हैं इसकी वजह

इसका कारण यह है कि ये दस्तावेज सरकारी कार्यालयों में बनाए जाते हैं, जहां कैमरे की गुणवत्ता उच्च नहीं होती है. यही कारण है कि तस्वीरों में स्पष्टता नहीं आ पाती है.

इसके अलावा, जब किसी फोटो सेशन के दौरान एक व्यक्ति अच्छी फोटो खिंचवाता है, तो वह पहले रोशनी और कैमरे की सेटिंग्स का ध्यान रखता है.

लेकिन इन दस्तावेजों के लिए फोटो खींचते वक्त सरकारी कार्यालयों में रोशनी सही नहीं होती, और फोटो केवल प्रक्रिया पूरी करने के लिए खींची जाती हैं.

एक और कारण यह है कि जब फोटो डिजिटल रूप से अपलोड की जाती है और फिर कार्ड पर प्रिंट होती है, तो उसकी गुणवत्ता और खराब हो जाती है.

ये कुछ कारण हैं जिनकी वजह से आधार और वोटर आईडी जैसे दस्तावेजों पर अक्सर फोटो खराब दिखाई देती है.