क्या आप एक ऐसी बैटरी का सोच सकते हैं, जिसे एक बार चार्ज करने के बाद पूरी जिंदगी के लिए आराम मिल जाए? यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन विज्ञान ने ऐसा कर दिखाया है.

आपको बता दें दुनिया में पहली बार एक ऐसी बैटरी बनाई गई है, जो एक बार चार्ज होने के बाद हजारों सालों तक चल सकती है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

अब तक आपने हीरे का उपयोग केवल आभूषणों के लिए सुना होगा, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसका उपयोग बैटरी बनाने में किया है.

दरअसल, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट नील पॉक्स ने दुनिया का सबसे कठोर पदार्थ हीरा है. हीरे से ज्यादा सुरक्षित इस बैटरी के लिए कुछ नहीं था.

इंग्लैंड की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक नई Nuclear Diamond Battery बनाई है, जो किसी भी छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को हजारों साल तक के लिए चार्ज कर सकती है.

इस बैटरी में कार्बन-14 नामक एक रेडियोएक्टिव तत्व मौजूद है, जिसकी आधी उम्र 5730 साल है, जिससे यह बैटरी लंबे समय तक कार्य करती रहती है.

ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस बैटरी में हीरे के अंदर रेडियोएक्टिव पदार्थ डाला है, जिससे यह बिजली पैदा करती है.

इन दोनों तत्वों के संयोजन से उत्पन्न ऊर्जा आपके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को लगातार चार्ज रखेगी, और जब तक डिवाइस सही है, इसे फिर से चार्ज करने की आवश्यकता नहीं होगी.

न्यूक्लियर डायमंड बैटरी में कार्बन-14 और हीरे के कारण रेडिएशन उत्पन्न होता है. इस रेडिएशन के कारण इलेक्ट्रॉन तेज़ी से गति करते हैं, जिससे बिजली का उत्पादन होता है.

इसका मतलब यह है कि इसे किसी बाहरी ऊर्जा स्रोत की आवश्यकता नहीं होती, और यह हीरे के रासायनिक प्रतिक्रियाओं का उपयोग करके स्वचालित रूप से ऊर्जा उत्पन्न करती रहती है.

यह प्रक्रिया ठीक वैसी ही है जैसी सोलर पैनल में फोटोवोल्टिक सेल्स द्वारा सूर्य के प्रकाश को बिजली में बदला जाता है.

भविष्य में यह बैटरी स्पेस और डिफेंस क्षेत्रों में उपयोगी हो सकती है. अन्य उपयोगों के लिए इस बैटरी का व्यापक रूप से इस्तेमाल होने में समय लग सकता है.