ये शहद खाने से आपको हो सकती है बड़ी दिक्कत, जानें क्या है मैड हनी?
नेपाल के हिमालय में पाए जाने वाले 'मैड हनी' को खाने के बाद लोग अजीब सी हालत में चले जाते हैं, जैसे कि चक्कर आना, उल्टी होना, भ्रम होना और यहां तक कि दिल की समस्याएं भी हो सकती हैं.
दरअसल, मैड हनी एक दुर्लभ प्रकार का शहद है जो नेपाल के हिमालय में पाए जाने वाले रोडोडेंड्रॉन फूलों से मधुमक्खियों द्वारा बनाया जाता है.
इन फूलों में एक खास प्रकार का न्यूरोटॉक्सिन होता है, जिसे ग्रेयानोक्सिन कहा जाता है. जब मधुमक्खियां इन फूलों का रस चूसती हैं तो यह न्यूरोटॉक्सिन उनके शहद में मिल जाता है.
इसीलिए इस शहद को खाने से लोग बीमार पड़ जाते हैं. मैड हनी खाने के बाद क्या होगा ये इसपर निर्भर करता है कि उसे कितनी मात्रा में खाया गया है.
आमतौर पर कम मात्रा में इस शहद को खाने से चक्कर आना, उल्टी, थकान और मांसपेशियों में कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
लेकिन ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर यह दिल की समस्याओं, सांस लेने में तकलीफ और यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है.
नेपाल के गुरुंग समुदाय सदियों से इस शहद को इकट्ठा कर रहा है. वो इसे बहुत ऊंचाई पर स्थित चट्टानों से इकट्ठा करते हैं, जो एक बहुत ही खतरनाक काम है.
गुरुंग समुदाय के लोग इस शहद को पारंपरिक दवा के रूप में इस्तेमाल करते हैं. उनका मानना है कि यह शहद कई बीमारियों जैसे कि सर्दी, खांसी और जोड़ों के दर्द में फायदेमंद होता है.
हालांकि, इसके कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं. वहीं इसके फायदे की बात करें तो मैड हनी की मांग दुनिया भर में है.
इसे इसकी दुर्लभता और औषधीय गुणों के कारण बहुत अधिक कीमत पर बेचा जाता है. हालांकि, इस शहद के खतरनाक प्रभावों के कारण इसके व्यापार पर प्रतिबंध लगा हुआ है.