पिछले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय राजनीति में ट्रेड वॉर को लेकर काफी चर्चा देखने को मिली है.

हाल ही में अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद चीन ने प्रतिक्रिया दी, जिसके जवाब में अमेरिका ने चीन पर 104% का टैरिफ लगा दिया.

ऐसे में ट्रेड वॉर पैदा होने की स्थिति बन रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर ट्रेड वॉर क्या चीज है और पहला ट्रेड वॉर किन देशों के बीच हुआ था. आइए जानते हैं.

ट्रेड वॉर वह स्थिति होती है जब दो या दो से अधिक देश एक-दूसरे पर टैरिफ (इंपोर्ट टैक्स) लगाकर व्यापार से संबंधित पाबंदिया लगा देता है.

जब ये कदम एक-दूसरे के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के रूप में उठाए जाते हैं, तो इसे ही ट्रेड वॉर कहा जाता है

ट्रेड वॉर तब शुरू होता है जब किसी देश को लगता है कि दूसरा देश उसके खिलाफ अनुचित व्यापारिक नीतियां अपना रहा है.

यह तब भी होता है जब कोई देश अपने उत्पादों को बहुत सस्ते दाम पर दूसरे देश में बेचता है, जिससे उस देश की स्थानीय उद्योगों को नुकसान होता है.

ट्रेड वॉर का सबसे पहला उदाहरण 1653 के आसपास देखने को मिला, जब इंग्लैंड और डच (नीदरलैंड) के बीच एंग्लो-डच व्यापार युद्ध शुरू हुआ.

आपको बता दें शुरुआत में अंग्रेज डच व्यापारी जहाजों पर हमले करते थे, जो बाद में एक बड़े युद्ध में बदल गए.

दूसरा एंग्लो-डच युद्ध समुद्री रास्तों और व्यापार मार्गों पर नियंत्रण को लेकर हुआ. इस दौरान इंग्लैंड ने डच व्यापारिक वर्चस्व को समाप्त करने की कोशिश की थी.

जब दुनिया में ट्रेड वॉर चलता है, तो आयात शुल्क बढ़ने से वस्तुएं महंगी हो जाती हैं, जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ता है.