UP News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के रायपुरवा थाने में कोर्ट के आदेश पर ऑटोमोबाइल कम्पनी महिंद्रा के मालिक आनंद गोपाल महिंद्रा समेत 13 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. दरअसल, साल भर पहले लखनऊ में एक सड़क हादसा हुआ था, जिसमें स्कॉर्पियो कार में बैठे कानपुर के एक डॉक्टर की मौत हो गई थी. इस मामले में आरोप है कि कार का एयरबैग न खुलने की वजह से ही डॉक्टर की जान गई. मृतक के पिता का आरोप है कि कार खरीदते समय कंपनी के कर्मचारियों ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से सबसे अच्छी गाड़ी होने का दावा किया था, लेकिन कार में एयरबैग लगाया ही नहीं गया था, जिससे उनके बेटे को जान से हाथ धोना पड़ा. न्याय पाने के लिए पिता ने लम्बी लड़ाई लड़ी. फिलहाल इस मामले में अब आनंद महिंद्रा समेत 13 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
बताया जा रहा है कि कानपुर के जूही बारादेवी के रहने वाले राजेश मिश्रा, एक अस्पताल में अकाउंटेंट के तौर पर कार्यरत हैं. कार हादसे में उनके इकलौते बेटे डॉक्टर अपूर्व मिश्रा की मौत हुई थी. साल 2020 के दिसम्बर महीने में उन्होंने कानपुर के जरीब चौकी स्थित शोरूम से अपने बेटे को 18 लाख रुपए कीमत की महिंद्रा स्कॉर्पियो कार खरीदकर गिफ्ट की थी. राजेश मिश्रा ने मीडिया को बताया कि कार खरीदते समय सुरक्षा के मामले में कंपनी के कर्मचारियों ने सबसे बेहतर गाड़ी बताकर उनको ये गाड़ी बेची थी, लेकिन कम्पनी ने उनके साथ धोखा किया. मृतक के पिता ने बताया कि, कम्पनी के लोगों ने बताया था कि दुर्घटना की स्थिति में कार के एयरबैग खुल जाते हैं, जिससे कार में आगे बैठे लोगों की जान बच जाती है, जबकि ऐसा नहीं हुआ.
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राजेश मिश्रा ने बताया कि गाड़ी खरीदने के करीब 2 साल बाद 14 जनवरी 2022 को उनका बेटा अपने दो साथियों के साथ लखनऊ से वापस कानपुर के लिए लौट रहे थे. इसी दौरान स्कार्पियो कार एक डिवाइडर से टकरा गई और तेजी से पलट गई. इस घटना में कार चला रहे उनके बेटे अपूर्व की मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने कार चलाते वक्त सीट बेल्ट लगा रखी थी, बावजूद इसके एक्सीडेंट के समय एयरबैग नहीं खुला. इसी वजह से बेटे की मौत हो गई. साथ ही राजेश मिश्रा ने आरोप लगाया कि कार में एयरबैग लगा ही नहीं था. इसी वजह से उनके बेटे की मौत हुई. उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में जब कंपनी के लोगों से उन्होंने शिकायत की तो कम्पनी वालों ने उनको ही गलत ठहराया और जान से मारने की धमकी तक दे डाली. इसी के बाद उन्होंने महिंद्रा कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी.
राजेश ने बताया कि बेटे की मौत का इंसाफ जब कहीं नहीं मिला तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसी के बाद कोर्ट के आदेश पर महिंद्रा कंपनी के मालिक आनंद गोपाल महिंद्रा समेत 13 अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में कानपुर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच शुरू कर दी गई. आरोपियों के दोषी सिद्ध होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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