UP News: यूपी में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रदेश सरकार माफियाओं के खिलाफ सख़्त कार्रवाई कर रही है. इस बात को लेकर विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि, “माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा ” इसी के बाद से प्रदेश में लगातार अपराधियों व माफियाओं पर शिकंजा कसा जा रहा है.
माफिया अतीक अहमद के बाद अब बाबा बुलडोजर की नजर बाहुबली मुख्तार अंसारी की अवैध सम्पत्तियों पर भी पड़ गई है. इसकी छानबीन के बाद मऊ प्रशासन ने शुक्रवार देर शाम को मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी और छोटे बेटे उमर अंसारी के नाम पर बने दो मंजिला मकान को जमींदोज कर दिया है. इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ समेत कई थानों की फोर्स और एक कंपनी पीएसी तैनात रही. मीडिया सूत्रों के मुताबिक अब्बास और उमर ने हाई कोर्ट में रिट पिटीशन दाखिल की थी और ध्वस्तीकरण के आदेश को चुनौती दी थी लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. इसी के बाद मऊ प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की और आलीशान इमारत को जमीन में मिला दिया.
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बता दें कि ये आलीशान इमारत यूपी के मऊ जिले के जहांगीराबाद में स्थित थी और इसके मालिक मुख्तार अंसारी के दोनों बेटे थे. मऊ प्रशासन के मुताबिक इस इमारत को बनवाने के लिए अब्बास और उमर अंसारी ने स्थानीय प्रशासन से अनुमति नहीं ली थी. इस मकान का नक्शा भी पास नहीं हुआ था. इस मामले में पूरी पड़ताल के बाद सिटी मजिस्ट्रेट नवीन सिंह ने दो मंजिला मकान को गिराने का आदेश जारी किया था. इसी के बाद शुक्रवार देर शाम पुलिस व अन्य सम्बंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे और चंद मिनट में आलीशान मकान को जमींदोज कर दिया. बता दें कि मऊ के विधायक अब्बास अंसारी पिछले तीन महीने से मनी लॉड्रिंग के केस में जेल में बंद चल रहे हैं.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक इस इमारत को मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों ने बनवाया था. इस इमारत को पूर्व में सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा अवैध घोषित करते हुए ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया थास जिसके बाद दोनों ने जिलाधिकारी के पास भी अपील की थी.
सिटी मजिस्ट्रेट नवीन सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि मुख्तार अंसारी और उनके दोनों बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के द्वारा बिना मैप पास कराए अवैध निर्माण कर लिया गया था. इसलिए जिस भूमि पर अवैध निर्माण हुआ है, वह भूमि भी किसी अन्य व्यक्ति की है जिसके बाद इन्हें नोटिस दी गई थी. नोटिस के जवाब के बाद एक निर्णय पास हुआ कि इस मकान का ध्वस्तीकरण किया जाए जिसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी के पास भी अपील की लेकिन इनकी अपील बलहीन होने के कारण निरस्त कर दी गई. जिलाधिकारी के द्वारा ध्वस्तीकरण का आदेश दिए जाने पर उक्त मकान का ध्वस्तीकरण शुरू करा दिया गया. मकान की कीमत लगभग 80 लाख बताई जा रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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