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गौ-मूत्र पीने वालों, सावधान! रिसर्च में खुलासा- ये आपको बीमार बना देगा, भैंस का मूत्र बेहतर!

गौ-मूत्र (Cow Urine) सेवन के कई लाभदायक नतीजे बताए जाते रहे हैं. देश ही नहीं दुनिया भर में एक तबका ऐसा है जो गाय का मूत पीने की वकालत करता है और इसका बाकायदा वैज्ञानिक प्रमाण भी देता है. लेकिन, एक रिसर्च में जो बात सामने आई है, उससे गौ-मूत्र पीने वालों के होश फाख्ता हो सकते हैं. बरेली स्थित जानवरों के लिए देश की सबसे बड़ी रिसर्च संस्था IVRI (Indian Veterinary Research Institute) ने दावा किया है कि गाय का ताजा मूत पीना हानिकारक है. इसमें भारी मात्रा में बीमारियों को पैदा करने वाले बैक्टिरियां होते हैं और लोगों को इसका सीधा इस्तेमाल से बचना चाहिए.

गौ-मूत्र पर रिसर्च IVRI की तरफ से भोजराज सिंह के नेतृत्व में पूरा किया गया. उनके साथ इस शोध में तीन पीएचडी स्टू़डेंट्स भी शामिल थे. अध्ययन के दौरान स्वस्थ गाय और साढ़ों का मूत्र (Urine) लिया गया. रिसर्च के दौरान इनके मूत्र में 14 प्रकार के हानिकारक बैक्टिरिया पाए गए. जिनमें एस्चेरिचिया कोलाई (Escherichia coli) की मौजूदगी आम तौर पर पाई गई. यह बैक्टिरिया अक्सर पेट में इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार होता है. इस रिसर्च से जुड़ी तमाम पहलुओं को ‘रिसर्चगेट’ वेबसाइट पर पब्लिश किया गया है.

गाय के मुकाबले भैंस का मूत्र ज्यादा प्रभावी

रिसर्च के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जिनमें सबसे ज्यादा हैरानी भैंस के मूत्र को लेकर है. भैंस का मूत्र गाय की तुलना में ज्यादा प्रभावी और एंटीबैक्टीरियल तत्वों से भरा है. अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने इस रिपोर्ट के हवाले से इस रिसर्च के प्रमुख भोजराज सिंह से हुई बातचीत को पब्लिश किया है. बातचीत में भोजराज सिंह ने बताया, “गाय और भैस के अलावा मनुष्यों के यूरीन के 73 सैंपल लिए गए. इनमें पाया गया कि गाय के मुकाबले भैंस के मूत्र में एंटीबैक्टिरियल तत्व ज्यादा प्रभावी हैं.”

हालांकि, इस दौरान उन्होंने किसी भी जानवर के मूत्र का सीधा सेवन नहीं करने की सलाह दी है. गाय के मामले में भी उन्होंने बताया कि गाय के मूत्र का सीधा सेवन स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं है. अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बतााय, “हमने नजदीकी डेयरी फार्म से तीन नस्ल की गायों- साहिवाल, थारपारकर और विंदावनी के मूत्र को इकट्ठा किया. इनमें भैंस और मनुष्यों के भी मूत्र शामिल थे. इनके मूत्र में हानिकारक बैक्टीरिया मिले.” भोजराज सिंह का कहना है कि गाय का मूत्र लाभदायक होता है, इसे जनरलाइज्ड नहीं किया जा सकता.

क्या शोधन किया गया गौ-मूत्र लाभदायक है?
IVRI ने जो रिसर्च किया है वह सिर्फ गाय और भैंस से निकलने वाले ताजा मूत्र पर है. साफ किए गए गौ-मूत्र पर अभी संस्था रिसर्च करने वाली है. हालांकि, इस संदर्भ में इसी संस्था के पूर्व डायरेक्टर ने कुछ हटकर दावा किया है. उनका कहना है कि ताजा मूत्र के बजाय शोधन किया गया गौ-मूत्र स्वास्थ्य के लिहाज से काफी लाभदायक है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में IVRI के पूर्व डायरेक्टर आरएस चौहान ने बताया है, “मैं पिछले 25 सालों से गौ-मूत्र पर रिसर्च कर रहा हूं और मैने पाया है कि साफ किया गया गौ-मूत्र व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यही नहीं कैंसर और कोविड जैसी बीमारी से लड़ने में भी काफी सहायक सिद्ध हुआ है.”

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