आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार (28 नवंबर) को उन आरोपों का जोरदार खंडन किया कि अडानी समूह ने उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान सौर ऊर्जा खरीद के लिए राज्य के अधिकारियों को रिश्वत दी थी.
रिपोर्ट के अनुसार, रेड्डी ने यह भी कहा कि इस मामले में अमेरिकी अदालत के अभियोग में कहीं भी उनका नाम नहीं था. इससे पहले आरोपों पर विवाद छिड़ने के बाद रेड्डी ने कहा था कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कई बार अडानी (गौतम अडानी या उनके परिवार के किसी भी सदस्य) से मुलाकात की, जो ‘असामान्य नहीं था.’
कोई प्रलोभन नहीं दिया गया
रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, ‘इसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि मुझे प्रलोभन की पेशकश की गई थी, क्योंकि सबसे पहले तो कोई भी मुझे प्रलोभन नहीं दे सकता और कारोबारियों का मुख्यमंत्रियों से मिलना कोई असामान्य बात नहीं है. यह वास्तव में एक सामान्य चलन है.’
उन्होंने यह भी कहा कि रिश्वत के आरोप सब अफवाह हैं और किसी ने भी यह नहीं कहा है कि उन्होंने या किसी और ने रिश्वत ली है. रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘मेरे नाम का कोई उल्लेख नहीं था. कृपया उन लोगों (अमेरिका में) ने जो कुछ भी कहा है, उसे पढ़ें. मेरा या किसी और का नाम लेना मूर्खता होगी, क्योंकि मैंने कभी उनसे कोई लेन-देन नहीं किया.’
रेड्डी ने बताया कि यह समझौता खरीददार, एपी डिस्कॉम्स और विक्रेता सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के बीच हुआ था और इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था. उन्होंने कहा, ‘और इसमें कोई तीसरा पक्ष कहां है? अगर कोई इतना मूर्ख और बेवकूफ है और कोई सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा करके कोई बकवास और बेवकूफी भरी बातें करता है, तो कोई कुछ नहीं कर सकता.’
रिपोर्ट में रेड्डी के हवाले से कहा गया है कि सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के साथ 2.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली आपूर्ति के लिए किए गए समझौते से राज्य को 25 वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी.
घटनाक्रम के अनुसार, पूर्व सीएम रेड्डी ने कहा कि राज्य को SECI से 15 सितंबर, 2021 को एक पत्र मिला, जिसमें अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) शुल्क माफ करते हुए 2.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से 7,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा की पेशकश की गई थी. समझौते पर 1 दिसंबर, 2021 को हस्ताक्षर किए गए थे.
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, ‘वह कैसे शामिल हो सकते हैं? मूल स्रोत SECI (सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) का पत्र है. अगर SECI का पत्र मेरे पास नहीं आया होता, अगर SECI ने राज्य द्वारा अब तक खरीदी गई सबसे सस्ती बिजली की पेशकश नहीं की होती, यानी 2.45 रुपये, अगर SECI ने अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन शुल्क माफी का उल्लेख नहीं किया होता, तो इनमें से कोई भी बात नहीं होती. इसकी शुरुआत SECI से हुई. SECI बिजली बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले कोई और नहीं बल्कि राज्य सरकार, DISCOM और SECI हैं.’
उन्होंने गुजरात डिस्कॉम को सस्ती कीमत मिलने संबंधी रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें कोई अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन चार्ज नहीं है, क्योंकि बिजली का उत्पादन पश्चिमी राज्य में ही किया जाता है. रेड्डी ने कहा, ‘कोई भी इतना पागल नहीं है कि इस तरह के सौदे को रद्द कर दे.’
मालूम हो कि इससे पहले आंध्र प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि सरकार के पास कथित रिश्वतखोरी से संबंधित अमेरिका में दायर ‘आरोप-पत्र रिपोर्ट’ है और उन्होंने कथित अनियमितताओं पर कार्रवाई करने का ‘वादा’ भी किया था. नायडू ने पहले कहा था कि वाईएसआरसीपी शासन और अडानी समूह से जुड़े आरोप ‘बहुत दुखद घटनाक्रम’ हैं.
भेजेंगे मानहानि का नोटिस
अडानी मामले में आंध्र प्रदेश लिंक पर पूर्व सीएम और YSRCP प्रमुख रेड्डी ने कहा, ‘मैं इस विषय पर झूठ फैलाने के लिए मीडिया घरानों को मानहानि का नोटिस भेजूंगा. अगर वे मानहानि नोटिस प्राप्त करने के 48 घंटे के भीतर जवाब नहीं देते हैं, तो हम कानूनी रूप से आगे बढ़ेंगे. मैं उन पर 100 करोड़ रुपये से अधिक का मुकदमा करूंगा.’
रिपोर्ट के अनुसार, वाईएसआरसीपी पार्टी ने पिछले सप्ताह कहा था कि नवंबर 2021 में आंध्र प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा 7,000 मेगावॉट की बिजली खरीद को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद SECI और एपी डिस्कॉम के बीच 1 दिसंबर, 2021 को बिजली बिक्री समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर किए गए थे. रेड्डी ने सीएम नायडू की इस टिप्पणी का भी जिक्र किया कि पिछले शासन के दौरान राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो गई थी और कहा, ‘यह एक संगठित, सुनियोजित कीचड़ उछालने की गतिविधि है, जो हो रही है.’
-भारत एक्सप्रेस
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