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सुप्रीम कोर्ट ने संभल मस्जिद के कुएं पर UP सरकार को किया तलब, 2 सप्ताह में मांगा जवाब; 21 फरवरी को होगी सुनवाई

Sambhal Jama Masjid Case: संभल की शाही जामा मस्जिद कमेटी की ओर से दायर नई अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट 21 फरवरी की इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगा है. साथ ही कोर्ट ने नगरपालिका द्वारा कुएं की पूजा को लेकर जारी अधिसूचना पर रोक लगा दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई अन्य व्यक्ति मस्जिद के बाहर से कुएं का उपयोग करता है तो इसमें कोई बुराई नही है. सीजेआई ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से पूछा कि आपने यह आवेदन यहां क़्यों दाखिल किया है. कुएं की तस्वीर का जिक्र करते हुए सीजेआई ने कहा कि कुएं के पास एक रास्ता है, वहां सीसीटीवी कैमरा लगा दें.

यथास्थिति बनाने के लिए याचिक दायर

मस्जिद समिति के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि यह सिर्फ मस्जिद के लिए प्रयोग की जाती है. मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद के पास कुएं पर यथास्थिति बनाये रखने की मांग की, जबकि यूपी सरकार ने उसे सार्वजनिक कुआं बताया है. मस्जिद की सीढ़ियों/प्रवेश द्वार के पास स्थित निजी कुएं को लेकर यथास्थिति बनाए रखने की मांग को लेकर यह याचिका दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया है कि संभल जिला मजिस्ट्रेट को दिशा निर्देश देने की मांग की गई है. अर्जी में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के अनुमति के बिना इस संबंध में कोई कार्रवाई या कदम ना उठाया जाए. कमेटी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने का जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है.

प्रशासन शांति और सौहार्द स्थापित करें

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि संभल में प्रशासन शांति और सौहार्द स्थापित करने के लिए कदम उठाए. लेकिन जिला प्रशासन इलाके में पुराने मंदिर और कुएं तलाशने में जुटा हुआ है. कमेटी के चेताने के बावजूद मस्जिद के पास बने कुएं में जांच की गई. प्रशासन का ये काम किसी भी तरह शांति और सौहार्द स्थापित करने का नही है. याचिकाकर्ता ने डीएसपी के उस बयान पर भी आपत्ति जताई है, जिसमें कहा गया था कि हिंदू समुदाय इस कुएं पर पूजा-पाठ करते थे.

कुआं नमाज के लिए उपयोग होता है

अधिवक्ता जफर अली ने स्पष्ट किया कि यह कुआं नमाज के लिए आने वाले लोगों द्वारा वजू के लिए उपयोग किया जाता था. संभल हिंसा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के कार्रवाई पर रोक लगा दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि सर्वे रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में ही रहेगी. उसे फिलहाल नही खोला जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की भी हिदायत दी थी.

ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस विधायक चंदा सिंह गौर की याचिका पर मध्य प्रदेश चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला

-भारत एक्सप्रेस 

गोपाल कृष्ण

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