जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में जी-20 की बैठक के सफल आयोजन के बाद अब भारतीय सेना अमरनाथ की पवित्र यात्रा को लेकर तैयारियों मे जुट गई है. भारतीय सेना ने जी-20 की बैठक को लेकर आश्वासन दिया था कि शांतिपूर्ण तरीके से इस कार्यक्रम को आयोजित कराने के लिए सेना प्रतिबद्ध है. जिसे सेना ने अपने ध्येय वाक्य ‘स्वयं से पहले सेवा’ को सत्य साबित करते हुए आतंकी खतरों के बीच सम्मेलन को पूरा कराया.
भारतीय सेना के कमांडिंग अफसर लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने बताया कि अब कश्मीर की स्थिति पहले से काफी बेहतर हो चुकी है. सेना ने घाटी के माहौल को बदलने में बड़ी सफलता हासिल की है. पूरी तरह से स्थिति को कंट्रोल कर आतंक से पीड़ित कश्मीर के वातावरण को सुरक्षित किया है. लोगों को सुरक्षा का अहसास दिलाने में भी कामयाबी मिली है. उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठक को सुरक्षित तरीके से संपन्न कराना सेना के लिए बड़ी जिम्मेदारी थी. जिसे सेना ने अच्छे से निभाया है. औजला ने ये भी कहा कि सेना घुसपैठ को रोकने में पूरी तरह से मजबूत है. इस साल कोई भी घुसपैठ नहीं हुई है. ले. अमरदीप सिंह औजला ने आगे कहा, क्षेत्र में कट्टरपंथी के प्रयास जरूर बढ़े हैं, लेकिन सेना ने इनके प्रभावों को काफी हद तक कम कर दिया है.
अमरदीप सिंह औजला ने कहा कि कट्टरता उन जगहों पर हावी है जहां पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर इसके प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश की जाती है. यहीं से युवा इनके प्रभाव में आते हैं. रेडिकलाइजेशन की कोशिशें बढ़ी हैं, लेकिन अब युवाओं को भी अहसास हो गया है कि गलत क्या है और सही क्या है. उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए मेरा संदेश है कि सही और गलत के बीच के अंतर को समझें. इसके फर्क का फैसला खुद युवाओं को करना होगा. औजला ने बढ़ते ड्रग आधारित आतंकवाद पर चिंता जाहिर की.
-भारत एक्सप्रेस
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