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सेना ने पहली बार 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पिनाका मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) द्वारा मचाई गई तबाही देखी थी, जब इसने पाकिस्तानी घुसपैठियों के ठिकानों पर दागे जाने पर भयानक तबाही मचाई थी.

इस हेल्पलाइन की जरूरत का अहसास उस घटना से हुआ जो ओडिशा में एक सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर के साथ हुई थी.

इससे पहले बीते 29 अक्टूबर को सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में सेना के वाहन पर हमला करने के लिए जिम्मेदार तीन आतंकवादियों को मार गिराया था. जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में इस बीच वृद्धि देखी गई है.

यह घटनाक्रम 21 अक्टूबर को भारत सरकार द्वारा की गई घोषणा के बाद सामने आया है, जिसमें कहा गया था कि दोनों पक्ष भारत-चीन सीमा पर गश्त की व्यवस्था पर सहमत हो गए हैं.

भारत ऐतिहासिक रूप से अपनी रक्षा आवश्यकताओं के लिए विदेश पर बहुत अधिक निर्भर रहा है. लगभग 65-70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किए जाते थे. लेक‍िन, यह परिदृश्य अब बदल गया है. अब लगभग 65 प्रतिशत रक्षा उपकरण भारत में ही तैयार किए जा रहे हैं. 

बीते 28 अक्टूबर को आतंकवादियों ने अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सेना के काफिले में शामिल एक एंबुलेंस पर गोलीबारी की.

Sikkim Soldierathon में देश के 22 राज्यों के 129 शहरों से धावक दौड़ने आये. 1600 से ज़्यादा धावकों ने हाफ मैराथन, 5 किलोमीटर और 10 किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा लिया.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भारतीय सैनिकों के साथ चीन के सैनिक ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते दिख रहे हैं. कहा जा रहा है कि यह वीडियो दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर हुए हालिया समझौते के बाद का है.

ट्रेनिंग के दौरान के जम्मू कश्मीर में अचानक बीमार पड़े राजस्थान के एक जवान की इलाज के दौरान मौत हो गई. सेना के वाहन द्वारा जवान के पार्थिव शरीर को शनिवार को बाड़मेर लाया गया.

Nashik: ये अग्निवीर हैदराबाद से नासिक के देवलाली स्थित आर्टिलरी स्कूल में ट्रेनिंग के लिए आए थे.