मुंबई स्थित नेहरू विज्ञान केंद्र में इंडियन डेवेलपमेंट फाउंडेशन (IDF) की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में ऊर्जा अक्षरा को महिलाओं के लिए किए गए तमाम जागरूकता कार्यों के लिए सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम की थीम IDF Stem थी.
ऊर्जा अक्षरा को IDF Student Ambassador Gratitude Honor से सम्मानित किया गया. ये सम्मान उन्हें समाज में जागरूकता फैलाने के लिए दिया गया. ऊर्जा अक्षरा ने हाइजीन को लेकर महिलाओं को जागरूक किया है.
कार्यक्रम में इस दौरान ऊर्जा अक्षरा की मां डॉ. रचना भी मौजूद रहीं. ऊर्जा अक्षरा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ये अचीवमेंट सिर्फ मेरा नहीं है, बल्कि हम सबका है. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान प्रोजेक्ट डिग्निटी के लिए अपने गहरे जुनून को साझा किया. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए अभियान शुरू किया, तो यह सिर्फ़ एक पहल नहीं थी – यह बदलाव को प्रेरित करने, उम्मीद जगाने और ज़रूरतमंदों को सम्मान प्रदान करने का एक साधन था.”
ऊर्जा ने आगे कहा, “जिस चीज़ ने मुझे आगे बढ़ाया, वह सिर्फ़ बदलाव लाने का विचार नहीं था; यह किसी ऐसे व्यक्ति का विचार था, जो हमारे सामूहिक काम की वजह से कहीं नज़र आए और मूल्यवान महसूस करे. मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती कि हर बार जब कोई हमारे काम में योगदान देता था, तो मुझे कैसा उत्साह और गर्मजोशी महसूस होती थी. यह जानते हुए कि हम सब मिलकर बदलाव ला सकते हैं.”
उर्जा ने सहानुभूति के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा, “अक्सर उदासीनता से ग्रस्त दुनिया में, दयालुता क्रांतिकारी है. इसमें नकारात्मकता को खत्म करने और वास्तविक, ठोस बदलाव को प्रेरित करने की शक्ति है.”
भारतीय विकास फाउंडेशन (आईडीएफ) के साथ अपनी यात्रा को लेकर कहा, “दयालुता केवल देने के बारे में नहीं है; यह इस बात को जानने में खुशी और संतुष्टि के बारे में है कि आपके कार्य, चाहे कितने भी छोटे क्यों न हों, किसी के जीवन में प्रभाव डाल सकते हैं और मानवता और जीवन में उनका विश्वास बहाल कर सकते हैं. आईडीएफ के साथ काम करने से मुझे एहसास हुआ कि बेहतर भविष्य की दिशा में काम करना और दूसरों की मदद करना धीरे-धीरे एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर रहा है जहां हर किसी को सम्मान के साथ जीने का मौका मिले।”
ऊर्जा अक्षरा ने आईडीएफ द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “इस तरह की पहल से यह उम्मीद जगती है कि मानवता के सबसे अच्छे दिन हमारे पीछे नहीं, बल्कि आगे हैं.” उर्जा ने विंस्टन चर्चिल की पसंदीदा कहावत “हम जो पाते हैं, उससे जीवन जीते हैं; हम जो देते हैं, उससे जीवन बनाते हैं.” का जिक्र करते हुए अपना भाषण समाप्त किया. उन्होंने IDF Student Ambassador Grattitude Honor से सम्मानित किए जाने पर आईडीएफ को धन्यवाद दिया. उर्जा ने कठिन समय में उनका साथ देने के लिए अपने माता-पिता और छोटे भाई को भी विशेष रूप से धन्यवाद दिया.
-भारत एक्सप्रेस
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