दिल्ली में राजस्थान के मु्ख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सुलह-समझौते की खबरों के बीच अशोक गहलोत ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मुद्दे को उछाल दिया है. मुख्यमंत्री ने आदिवासी इलाके के बांसवाड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2020 के विद्रोह के दौरान कांग्रेस सरकार को गिरने से बचाने वाली एक आदिवासी महिला विधायक थीं. उन्होंने महिला विधायक के बारे में आगे बताते हुए कहा कि लोग रमिला खड़िया के लिए नकदी की गड्डियां लेकर आए और उसे उसकी कार में रख दिया, लेकिन उसने उसमें कोई दिलचस्पी न दिखाते हुए उन्हें वापस भेज दिया.
मुख्यमंत्री ने बार-बार संकेत दिया है कि भाजपा 2020 के विद्रोह के दौरान कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही थी. अपना आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, मैं रमिला को कैसे भूल सकता हूं जिसने हमारी सरकार को बचाने में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने उपस्थित लोगों से उसके लिए तालियां बजाने को कहा. सीएम ने बांसवाड़ा दौरे के दूसरे दिन मगराड़ा में 2,500 करोड़ रुपये की ऊपरी उच्च स्तरीय नहर परियोजना के शिलान्यास के दौरान रमिला की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा, अगर वह कुछ भी मांगती है तो मैं कभी भी रमीला को मना नहीं कर सकता. वह नहीं होती तो मैं आज मुख्यमंत्री के रूप में आपके सामने खड़ा नहीं होता. उसने हमारी सरकार को बचाया जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की तरह गिरने की कगार पर थी, लेकिन इस महिला ने एक रुपया भी न लेकर बहुत ही हिम्मत का काम किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका एक मात्र अधूरा सपना है, रतलाम-बांसवाड़ा रेल परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी. यूपीए सरकार ने इस परियोजना को शुरू किया, लेकिन फिर सरकार बदल गई और केंद्र सरकार ने इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया. बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
-भारत एक्सप्रेस
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