देश के आयुर्वेदिक एवं यूनानी व होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों में बड़ी हेराफेरी का मामला सामने आया है. आयुष विभाग की जांच में खुलासा किया गया है कि एवं यूनानी व होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों ने हेराफेरी करके दाखिला प्राप्त किया था. सभी छात्रों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही उनके दस्तावेज भी सील कर दिए गए हैं. आयुष विभाग की जांच में 891 छात्रों को संदिग्ध चिन्हित किया गया हैं.
इस कार्रवाई के बाद अब सभी सरकारी कॉलेजों के प्रधानाचार्य ने अपने वहां के ऐसे छात्रों को निलंबित कर दिया है, वहीं निजी कॉलेजों के छात्रों के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की जा रही है. लगभग 10 निजी कॉलेजों ने छात्रों को निलंबित करने की सूचना आयुष विभाग को दे दी गई है जबकि अन्य की रिपोर्ट का खुलासा होना बाकी है. जल्द ही यह रिपोर्ट विभाग में पहुंचने की उम्मीद की जा रही है.
इस सख्त एक्शन के बाद छात्रों के परिजन में दहशत का माहौल पैदा हो गया है. अपने बच्चों पर कार्रवाई के भय से डरे हुए हैं. हालांकि सूत्रों की माने तो अभी छात्रों के खिलाफ किसी तरह की तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. जांच पूरी होने के बाद दी मामले में नियमानुसार कदम उठाया जाएगा.
इस जांच के बाद अब तक कार्यवाहक निदेशक, आयुर्वेद सेवाएं (सदस्य सचिव काउंसिलिंग मूल पद प्रिसिंपल) प्रो. डॉ. एसएन सिंह व प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेद सेवाएं (मूल पद प्रोफसर राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कालेज, लखनऊ) डॉ. उमाकांत यादव को निलंबित किया गया है.
इसके अलावा प्रभारी अधिकारी यूनानी निदेशालय डॉ. मोहम्मद वसीम और कार्यवाहक संयुक्त निदेशक शिक्षण होम्योपैथी निदेशालय प्रो. विजय पुष्कर के विरुद्ध विभागीय स्तर पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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