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Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले पर भारत का प्रहार, पाकिस्तान को हर मोर्चे पर जवाब

Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान के ताजा बयानों और 24 अप्रैल 2025 को बुलाई गई उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक पर नजर डालें, तो यह साफ दिखता है कि इस्लामाबाद एक बार फिर अपनी विफल नीतियों को छुपाने के लिए “विक्टिम कार्ड” खेलने की कोशिश कर रहा है. असलियत यह है कि पहलगाम में हुआ नृशंस आतंकी हमला उसी पुरानी, सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तानी धरती से संचालित जिहादी संगठन शामिल हैं. इन संगठनों को वहां की सेना और ISI परदे के पीछे से समर्थन और संरक्षण देते हैं. भारत ने इस हमले के बाद जो कड़े कदम उठाए हैं. भारत ने पानी, व्यापार, वीजा और कूटनीति जैसे सभी मोर्चों पर पाकिस्तान पर दबाव बना दिया. यह कदम बिल्कुल वैध, तार्किक और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप है.

भारत का निर्णय न्यायसंगत है

1. आतंक का संरक्षक– पिछले तीन दशकों में मुंबई 26/11 से उरी‑पठानकोट, पुलवामा, और अब पहलगाम—हर बड़े हमले की कड़ियाँ पाकिस्तान की धरती तक जाती हैं. जब तक इस नेटवर्क पर असली चोट नहीं पड़ेगी, सीमा‑पार आतंक का चक्र नही टूटेगा.
2. सिंधु जल संधि का निलंबन– पाकिस्तान ने संधि की ‘शांतिपूर्ण उपयोग’ की भावना को तोड़ा है; अंतरराष्ट्रीय विधि में के अनुच्छेद 62 (Fundamental Change of Circumstances) के तहत भारत को संधि निलंबित करने का पूरा अधिकार है.
3. वाणिज्यिक छूट की वापसी– भारत ने MFN का दर्ज़ा पहले ही रद्द किया था; 200 % शुल्क और प्रतिबंधों से आतंक‑फंडिंग की आर्थिक नालियां सूखेंगी.
4. प्री‑एम्प्टिव विकल्प – ‘नो वार्निंग, फुल रिस्पॉन्स’ सिद्धांत वही दर्शाता है जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का आर्टिकल 51 स्पष्ट करता है; आत्म‑रक्षा का अविच्छेद्य अधिकार.
5. अंतरराष्ट्रीय समर्थन– फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, G‑20 के साथी और कई P‑5 सदस्य खुलकर भारत के साथ खड़े हैं; यह बताता है कि विश्व समुदाय पाकिस्तान की दोहरी नीति से तंग आ चुका है.

पाकिस्तान की दोमुंही रणनीति

– एक ओर “संवाद” का राग, दूसरी ओर लश्कर‑ए‑तैयबा, जैश‑ए‑मोहम्मद जैसे प्रॉक्सी.
– ‘कश्मीर कार्ड’ और OIC मंच का दुरुपयोग, जबकि बलोचिस्तान, खैबर‑पख्तूनख्वा और सिंध में अपने ही नागरिकों के मानवाधिकार रौंदना.
– अर्थव्यवस्था रसातल में; IMF बेल‑आउट की आस, लेकिन आतंक‑ढांचा घटाने को तैयार नहीं.

– राजनयिक आघात बढ़ाते हुए पाकिस्तान को FATF की ‘ब्लैक लिस्ट’ में धकेलने के लिए लॉबिंग तीव्र करे.
– जल संसाधन पर तीव्र निवेश चेनाब‑झेलम पर बाँधों की स्पीड और बढ़ाई जाए ताकि एक‑एक बूंद पानी का नियंत्रण भारत के हाथ रहे.
– टेक‑ड्रिवन सीमा चौकसी—ड्रोन‑और AI आधारित निगरानी से घुसपैठ को शून्य के करीब लाया जाए.
– आर्थिक दबाव—सार्क, BIMSTEC और अन्य क्षेत्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग‑थलग करें; उसकी निर्यात लाइफ़लाइन काटें.

ये भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमले पर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का विवादित बयान, देश में सियासत गरमाई

-भारत एक्सप्रेस

मिताली चंदोला, एडिटर, स्पेशल प्रोजेक्ट्स

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