PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में आयोजित एक भव्य समारोह में भारतीय नौसेना के तीन प्रमुख युद्धपोत—आईएनएस सूरत (विध्वंसक), आईएनएस नीलगिरी (फ्रिगेट) और आईएनएस वाघशीर (पनडुब्बी)—को राष्ट्र को समर्पित किया. इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उन्होंने देश की समुद्री ताकत को और मजबूत करने की दिशा में इसे एक बड़ा कदम बताया.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज का दिन भारत की समुद्री विरासत, नौसेना के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक बड़ा दिन है. छत्रपति शिवाजी महाराज ने भारतीय नौसेना को नई ताकत और दृष्टि दी थी। आज उनकी पवित्र भूमि पर, हम 21वीं सदी की नौसेना को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं. यह पहली बार है जब एक विध्वंसक, एक फ्रिगेट और एक पनडुब्बी को एक साथ कमीशन किया जा रहा है.”
– यह देश में निर्मित “विशाखापट्टनम-क्लास” का चौथा जहाज है.
– इसका निर्माण आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किया गया है.
– यह जहाज दुश्मन के जहाजों और विमानों को नष्ट करने की अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस है.
– प्रोजेक्ट 17ए के तहत निर्मित यह जहाज अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों से सुसज्जित है.
– यह सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ नौसेना की ताकत को बढ़ाएगा.
– “कलवरी-क्लास” की यह छठी पनडुब्बी है.
– इसे स्टेल्थ तकनीक से तैयार किया गया है, जिससे इसे ट्रैक करना लगभग असंभव है.
– यह समुद्र में दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले करने की क्षमता रखती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये तीन युद्धपोत भारतीय नौसेना को 21वीं सदी में और अधिक प्रभावशाली और आत्मनिर्भर बनाएंगे. उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को याद करते हुए भारतीय नौसेना की परंपराओं और गौरवशाली इतिहास को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई.
प्रधानमंत्री ने इन युद्धपोतों के निर्माण में भारतीय कंपनियों और आत्मनिर्भर भारत अभियान की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना का यह कदम वैश्विक स्तर पर भारत की शक्ति और प्रतिष्ठा को दर्शाता है.
इस ऐतिहासिक मौके पर नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान समुद्री परेड और भारतीय नौसेना की क्षमताओं का प्रदर्शन भी किया गया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करना भारत की समुद्री ताकत को एक नया आयाम देने वाला कदम है. यह न केवल भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूत करेगा। भारतीय नौसेना अब पहले से कहीं अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनकर तैयार है.
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