राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था दुनिया के लिए एक मिसाल बन गई है और उन्होंने युवा आईटी पेशेवरों से दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों जैसे कमजोर वर्गों सहित लोगों के कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का आग्रह किया.
वह भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी रांची) के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण बन गई है और छोटे विक्रेताओं के डिजिटल माध्यमों से फल, सब्जियां बेचने की कल्पना कौन कर सकता था.’’
मुर्मू ने कहा कि एक लाख से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप के साथ भारत के पास तीसरा वैश्विक ‘टेक-स्टार्टअप’ परितंत्र है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आईटी छात्रों से ‘दिव्यांगों’ और वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के बेहतर इस्तेमाल के लिए आगे आने का आग्रह करती हूं.’’
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के महत्व को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसका योगदान 1998 में दो प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान में नौ प्रतिशत हो गया है.
-भाषा
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