S. Jaishankar targeted Western Media: “जिन देशों को चुनाव नतीजे तय करने के लिए अदालत जाना पड़ता है वे चुनाव कराने पर ज्ञान दे रहे हैं.” ये हमला भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीय चुनावों की ‘नकारात्मक’ कवरेज को लेकर पश्चिमी मीडिया पर बोला है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि पश्चिमी देशों को महसूस होता है कि उन्होंने पिछले 200 वर्षों से दुनिया को प्रभावित किया है, इसलिए वे अपनी पुरानी आदतों को इतनी आसानी से नहीं छोड़ पा रहे हैं.
बीते मंगलवार (14 मई) को कोलकाता में अपनी किताब ‘Why Bharat Matters’ के बांग्ला संस्करण के लॉन्च के दौरान मीडिया से बात करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘वे (पश्चिमी देश) हमें प्रभावित करना चाहते हैं, क्योंकि इनमें से कई देशों को लगता है कि उन्होंने पिछले 70-80 वर्षों से इस दुनिया को प्रभावित किया है. दरअसल पश्चिमी देशों को लगता है कि पिछले 200 सालों से उन्होंने दुनिया को प्रभावित किया है. आप उस व्यक्ति से कैसे उम्मीद करते हैं, जो उस स्थिति में है कि वह उन पुरानी आदतों को इतनी आसानी कैसे से छोड़ देगा.’
विदेश मंत्री ने बात करते हुए आगे कहा कि ‘ये अखबार भारत के प्रति इतने नकारात्मक क्यों हैं, क्योंकि वे एक ऐसा भारत देख रहे हैं जो एक तरह से उनकी छवि के अनुरूप नहीं है कि भारत कैसा होना चाहिए. वे लोग, विचारधारा या जीवन जीने का एक तरीका चाहते हैं. वे चाहते हैं कि उस वर्ग के लोग इस देश पर शासन करें और जब भारतीय आबादी अन्यथा महसूस करती है तो वे परेशान हो जाते हैं.’
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पश्चिमी मीडिया पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में पश्चिमी मीडिया कई बार खुले तौर पर उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों का समर्थन करता है. वे अपनी प्राथमिकता नहीं छिपाते हैं. वे बहुत चतुर हैं, कोई 300 वर्षों से वर्चस्व का यह खेल खेल रहा है, वे बहुत कुछ सीखते हैं, अनुभवी लोग हैं, चतुर लोग हैं.
पश्चिमी मीडिया की इस हरकत को विदेश मंत्री ने ‘माइंड गेम’ करार दिया और कहा कि जो देश चुनाव नतीजे तय करने के लिए अदालत जाते हैं, वे भारत को व्याख्यान दे रहे हैं. यह दिमाग का खेल है जो दुनिया में हो रहा है. वे (पश्चिमी मीडिया) आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएंगे, कोई एक सूचकांक लाएगा और आपको उसमें डाल देगा.
विदेश मंत्री ने भीषण गर्मी और तेज धूप के बीच हो रहे लोकसभा चुनावों में मतदान को लेकर सराहना की और कहा कि ‘इस चुनाव में भी मैं टिप्पणी देख रहा हूं. इस देश में भीषण गर्मी में भी वोट देने आने वाले लोगों का प्रतिशत देखिए. इस मौके पर उन्होंने भीषण गर्मी के दौरान भारतीय चुनाव के समय पर सवाल उठाने वाले एक आर्टिकल का हवाला देते हुए कहा कि अब मैंने वह लेख पढ़ा और मैं कहना चाहता था कि सुनो, उस गर्मी में मेरा सबसे कम मतदान सर्वोत्तम दौर में आपके उच्चतम मतदान से अधिक है.
-भारत एक्सप्रेस
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