हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में शिमला की एक अदालत ने शनिवार (5 अक्टूबर) को संजौली मस्जिद (Sanjauli Mosque) की तीन मंजिलों को गिराने का आदेश दिया है. नगर आयुक्त की अदालत ने ये फैसला सुनाया. उन्होंने दो महीने के भीतर दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को ध्वस्त करने का आदेश दिया.
यह कदम शिमला जिला न्यायालय द्वारा संजौली में मस्जिद के अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश के बाद उठाया गया है, जो निवासियों द्वारा भवन निर्माण उल्लंघनों के संबंध में उठाए गए कानूनी संघर्ष के बाद उठाया गया था.
वक्फ बोर्ड (Waqf Board) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील बीएस ठाकुर ने पुष्टि की कि अदालत ने मस्जिद कमेटी (Masjid Committee) को दो महीने की समय सीमा के भीतर अपने खर्च पर शीर्ष तीन मंजिलों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. ठाकुर ने कहा, ‘समय आने पर इमारत के बाकी हिस्से के बारे में फैसला किया जाएगा। सुनवाई की अगली तारीख 21 दिसंबर है.’
मस्जिद कमेटी ने ध्वस्तीकरण आदेश का पालन करने का वचन दिया है. वक्फ बोर्ड ने पहले मस्जिद निर्माण को उचित ठहराया था. बोर्ड का कहना था कि मस्जिद निर्माण में नियमों का उचित पालन किया गया है, लेकिन बाद में अपने दावे के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध कराने में विफल रहा.
हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने शिमला की एक अदालत में कहा था कि संजौली कॉलोनी में स्थित मस्जिद उसकी जमीन पर है, लेकिन उसे नहीं पता कि ‘अतिरिक्त चार मंजिलों का निर्माण किसने किया’.
वहीं, स्थानीय निवासियों ने मस्जिद के विध्वंस की मांग की थी. नगर निगम ने पहली बार 2011 में एक नोटिस जारी किया था, लेकिन 2018 तक बिना किसी उचित दस्तावेज और नियमों का पालन करते हुए पांच मंजिल तक मस्जिद का निर्माण कर लिया गया.
बीते दिनों हिंदू संगठनों (Hindu Outfits) ने इस मस्जिद का विरोध किया और इसे अवैध बताया था. यह मुद्दा हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी पहुंचा था, जहां ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह (Anirudh Singh) ने विध्वंस का समर्थन किया था और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने इस बात पर जोर दिया था कि राज्य के सभी निवासी, बिना किसी भेदभाव के बराबर सम्मान के पात्र हैं.
सिंह ने शिमला के नजदीक संजौली में स्थित इस मस्जिद के निर्माण की भी जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के कारण इलाके में तनाव पैदा हो गया है. मंत्री ने सवाल किया था कि क्या मस्जिद खोलने से पहले प्रशासन से अनुमति ली गई थी.
संजौली में स्थानीय लोग अवैध मस्जिद के निर्माण का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने इस ढांचे को गिराने की मांग की है. पिछले 14 सालों से न्यायालय में विचाराधीन यह मामला, तब भड़क उठा जब पास के मल्याणा इलाके में झगड़े के दौरान छह मुस्लिम युवकों ने हिंदू व्यापारी पर कथित तौर पर हमला कर दिया था. गंभीर रूप से घायल पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें दावा किया गया कि हमलावरों ने पास की एक मस्जिद में शरण ली थी.
-भारत एक्सप्रेस
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