Shivaji Statue Collapse Case: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने के बाद से लगातार सियासत जारी है. इसको लेकर लोग विरोध कर रहे हैं और लोगों में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया है. इसी बीच राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए तकनीकी संयुक्त समिति का गठन कर दिया है. इसमें सिविल इंजीनियर, विशेषज्ञ, आईआईटी और नौसेना के प्रतिनिधि शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को इस संबंध में देर रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बैठक हुई. इसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और नौसेना के अधिकारी शामिल हुए. इससे पहले, इस पूरे घटना की जांच के लिए नौसेना ने भी समिति का गठन किया था. राज्य सरकार इस प्रतिमा को ध्वस्त करने के पीछे मौजूद लोगों की जिम्मेदारियों को चिन्हित करेगी. इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2023 में किया था. इससे पहले, मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को छत्रपति शिवाजी महाराज की उनकी उपलब्धियों के अनुरूप एक भव्य प्रतिमा स्थापित करने के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकारों, सिविल इंजीनियरों, विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक समिति नियुक्त करने का निर्देश दिया.
सीएम शिंदे ने कहा, “यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे छत्रपति शिवाजी महाराज के समर्थकों में रोष है. नौसेना दिवस पर इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. उन्होंने आगाह किया, “हमें बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह के घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो.” इसी के साथ ही सीएम शिंदे ने नए भव्य प्रारूप में प्रतिमा के लिए डिजाइन का सुझाव देने के लिए जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स और आईआईटी के प्रतिनिधियों, सिविल इंजीनियरों, महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकारों और नौसेना के तकनीकी अधिकारियों की एक समिति की नियुक्ति का भी निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रतिमा के ध्वस्त होने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की दूसरी प्रतिमा का निर्माण किया, जो उनके छवि के अनरूप हो. इसी के साथ ही उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि प्रतिमा के निर्माण में फंड जारी करने की दिशा में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने यह निर्देश महाविकास अघाड़ी सरकार के समर्थकों द्वारा किए गए हंगामे के बाद आया है, जिसमें राज्य में प्रतिमा निर्माण का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने महायुती सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाकर प्रतिमा के ध्वस्त होने का जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन महायुती के नेताओं ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर कहा कि 45 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आने वाली तेज हवा की वजह से प्रतिमा ध्वस्त हुई है.
मालूम हो कि मुख्यमंत्री ने प्रतिमा ध्वस्त होने के बाद ही साफ कर दिया था कि यह प्रतिमा प्रदेश सरकार द्वारा नहीं, बल्कि नौसेना के द्वारा बनाई गई थी. ऐसे में इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है. ऐसी स्थिति में इस पूरे मामले में राज्य सरकार पर कोई आरोप लगाना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है. तो दूसरी ओर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी दलों से अपील की है कि इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति न करें, जबकि महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने इस मामले को लेकर हनुमान चौक पर इस मामले में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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